
नई दिल्ली। माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू निजी ट्विटर हैंडल को फिर से वेरिफाई कर दिया है। हालांकि संघ के पूर्व सरकार्यवाह भइयाजी जोशी (सुरेश जोशी), पूर्व सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी और सर कार्यवाह अरुण कुमार के एकाउंट को ट्विटर ने अनवेरिफाइड कर दिया है।
इससे पहले उपराष्ट्रपति कार्यालय की ओर से बताया गया था कि नायडू के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया गया है। उपराष्ट्रपति कार्यालय के आधिकारिक हैंडल पर अभी भी यह टिक लगा हुआ है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, वेंकैया नायडू के ट्विटर एकाउंट से वेरिफिकेशन हटाए जाने से आईटी मंत्रालय नाराज़ है। सूत्रों ने बताया कि ये ट्विटर की गलत मंशा दिखाता है जो देश के नंबर 2 अथॉरिटी के साथ ये सलूक किया गया। ट्विटर यह देखना चाहता है कि भारत किस हद तक सब्र करता है। सरकार इससे कड़ाई से निबटेगी।
खबर है कि उपराष्ट्रपति के निजी हैंडल से ब्लू टिक हटाए जाने का बड़ा कारण प्लेटफॉर्म पर उनकी निष्क्रियता है। उपराष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से एक अधिकारी ने बताया कि, ‘वेंकैया नायडू का निजी अकाउंट 6 महीनों से निष्क्रिय था और इसका अब ब्लू टिक चला गया है।’ इधर, भारतीय जनता पार्टी मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने ट्विटर पर सवालिया निशान लगाए हैं. उन्होंने इसे ‘भारत के संविधान पर हमला’ बताया है। बता दें कि नए आईटी नियमों को लेकर ट्विटर और भारत सरकार के बीच तकरार जारी है. ऐसे में यह ताज़ा मामला विवाद को और बढ़ा सकता है।
बगैर नोटिस के हटाया जा सकता है टिक
समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्विटर के हवाले से बताया कि कंपनी ट्विटर अकाउंट का ब्लू वैरिफाइड बैज और वैरिफाइड स्टेटस को बगैर किसी नोटिस के किसी भी समय हटा सकती है। कारण बताया गया है कि अगर अकाउंट अपना नाम बदलता है या निष्क्रिय या अधूरा होता है या अकाउंट का मालिक वैरिफिकेशन प्राप्त करने वाली स्थिति में नहीं है तो कंपनी यह कार्रवाई कर सकती है। इसके अलावा कंपनी मापदंडों को पूरा नहीं करने की स्थिति में भी वैरिफिकेशन रद्द किया जा सकता है।
ट्विटर के अनुसार, ब्लू वैरिफाइड बैज का मतलब होता है कि अकाउंट जनहित से जुड़ा हुआ है और वास्तविक है। खास बात है कि इस टिक को हासिल करने के लिए ट्विटर अकाउंट सक्रिय और वास्तविक होना चाहिए।
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