शिवसेना के गुस्से के कारण उद्धव ठाकरे की कुर्सी संकट में

मुंबई: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav thackarey) को विधान परिषद (MLC) का सदस्य निर्वाचित करने में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तरफ से मंजूरी मिलने में हो रही देरी पर रविवार को शिवसेना का गुस्सा फूट पड़ा और पार्टी सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने परोक्ष रूप से पूर्व भाजपा नेता पर निशाना साधा. राज्यपाल कोटे से ठाकरे को विधान परिषद में नामित किये जाने के लिये राज्य मंत्रिमंडल द्वारा हाल में की गई सिफारिश पर विधिक राय मांगने वाले कोश्यारी का नाम लिये बगैर ही राउत ने इस बात का कोई संशय नहीं छोड़ा कि उनके निशाने पर कौन है. अगर उद्धव ठाकरे एमएलसी नहीं नामित होते हैं तो उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है. उद्धव विधानसभा सदस्य यानी विधायक भी नहीं हैं. सीएम के पड़ पर रहने के लिए इनमें से एक पद पर होना ज़रूरी है..

संजय राउत ने ट्वीट किया, “राज भवन, राज्यपाल का आवास राजनीतिक साजिश का केंद्र नहीं बनना चाहिए. याद रखिए, वरना इतिहास उन लोगों को नहीं छोड़ता जो असंवैधानिक व्यवहार करते हैं.”.

संविधान के मुताबिक किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को शपथ लेने के छह महीने के अंदर विधानसभा या विधानपरिषद में से किसी की सदस्यता ग्रहण करनी होती है, ऐसा नहीं होने पर उसे इस्तीफा देना पड़ता है. उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उनके छह महीने 28 मई 2020 को पूरे हो रहे हैं. महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने हाल ही में कैबिनेट की एक बैठक में ठाकरे का नाम राज्यपाल द्वारा विधान परिषद के लिये नामित किए जाने वाले सदस्य के तौर पर सुझाया था..

एक अन्य ट्वीट में राउत ने राज्यपाल राम लाल को “बेशर्म” के तौर पर संदर्भित किया. आंध्र प्रदेश में 15 अगस्त 1983 से 29 अगस्त 1984 तक राज्यपाल रहे राम लाल उस वक्त विवादों में घिर गए थे जब उन्होंने अमेरिका में ऑपरेशन कराने गए मुख्यमंत्री एन टी रामाराव की जगह राज्य के वित्त मंत्री एन भास्कर राव को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया था..

माना जाता है कि यह बदलाव कांग्रेस नेतृत्व के इशारे पर किया गया था, जबकि भास्कर राव के पास 20 प्रतिशत विधायकों से ज्यादा का समर्थन नहीं था. एनटीआर एक हफ्ते बाद विदेश से लौटे और राम लाल के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया. एक महीने बाद तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने राम लाल को राज्यपाल के पद से बर्खास्त कर दिया और इसके तीन दिन बाद एनटीआर दोबारा राज्य के मुख्यमंत्री बने थे..

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*