
कीव। रूस के यूक्रेन पर हमले का आज 12वां दिन है। इस बीच यूक्रेन के रष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात की। बताया जाता है कि जेलेंस्की ने बाइडेन से रूस पर लगाए गए सभी आर्थिक प्रतिबंध जारी रखते हुए यूक्रेन को आर्थिक मदद की मांग की। जेलेंस्की ने अमेरिका से सुरक्षा के मुद्दे पर भी मदद का अह्वान किया है। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था। इसके बाद से वह लगातार रूसी शहरों को घेरने में लगा है। हवाई हमलों और गोलीबारी के बीच यूक्रेन के 10 लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़कर पड़ोसी देशों में शरण लेने पहुंचे हैं। हालांकि, 11 दिन की मशक्कत के बाद भी रूस यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव को पूरी तरह से कब्जे में नहीं कर सका है।
यूक्रेन पर रूसी हमले शुरू होेने के बाद से अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देश सैन्य और आर्थिक मदद कर रहे हैं। नाटो के 30 में से 24 देशों ने किसी न किसी तरह से यूक्रेन को मदद पहुंचाई है। यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है, इसके बाद भी नाटो देश उसकी मदद कर रहे हैं। पोलैंड ने यूक्रेन को सैनिक सहायता के साथ ही मिसाइल डिफेंस सिस्टम मुहैया कराया है। स्वीडन ने 5 हजार एंटी टैंक रॉकेट्स तो बेल्जियम ने 3000 ऑटोमैटिक रायफल और 200 एंटी टैंक हथियार उपलब्ध कराए हैं। अमेरिका ने यूक्रेन को स्टिंजर मिसाइलें, जेवलिन एंटी टैंक, और मिसाइल डिफेंस सिस्टम दिया है। जर्मनी ने 1,000 एंटी टैंक हथियार यूक्रेन भेजे हैं।
इस बीच, इजराइली पीएम नफ्टाली बेनेट ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग को रोकने के लिए मॉस्को जाकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से ढाई घंटे तक बातचीत की। बेनेट ने युद्ध रोकने की मध्यस्थता करने की भी बात की। बेनेट के कार्यालय ने दोनों नेताओं की रूसी राष्ट्रपति कार्यालय में हुई मुलाकात की पुष्टि की है। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। इजराइल ने रूस के हमले की निंदा भी की थी।
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबास ने रूस के खिलाफ नए सिरे से प्रतिबंध लगाने की मांग की। शनिवार को भारत सहित कई देशों की सरकारों से रूस से चल रहे संघर्ष (Russia Ukraine War) को रोकने की अपील करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत के साथ विशेष संबंधों का आनंद लेने वाले सभी देश पीएम नरेंद्र मोदी से अपील कर सकते हैं कि वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से संपर्क करना जारी रखें और समझाएं कि यह युद्ध सभी के हित के खिलाफ है। रूस के लोगों को भी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।
Leave a Reply