
नई दिल्ली। केंद्र सरकार से मदद लेने में भी उत्तर प्रदेश और बिहार के बेरोजगार युवा फिसड्डी साबित हो रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान देशभर के हजारों नौजवानों ने अपनी नौकरी खो दी थी। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने बेरोजगारों को राहत देते हुए अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना लागू की। लेकिन अन्य राज्यों के बेरोजगार युवाओं के मुकाबले यूपी और बिहार के बेरोजगारों ने इस योजना के लिए कम आवेदन किए हैं। जबकि टॉप तीन राज्यों में आंध्र प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र शामिल हैं।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम से मिले आंकड़ों के मुताबिक अभी तक अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना में अभी तक देशभर से कुल 36 हजार बेरोजगारों ने आवेदन किया है। जिनमें से 16 हजार से ज्यादा लोगों को ईएसआईसी की तरफ से हर महीने सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा दिया भी जा रहा है। जहां तक इस योजना में आवेदनों की बात है तो इसमें सबसे ज्यादा आवेदन आंध्र प्रदेश राज्य से आए है।
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना में आंध्र प्रदेश से सबसे ज्यादा 7800 आवेदन आए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। यहां से 5000 बेरोजगारों ने योजना में आवेदन किया है। वहीं तीसरे नंबर पर हरियाणा है। यहां से 4000 लोगों ने अभी तक इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया है।
वहीं यूपी और बिहार की बात करें तो यूपी से 3700 आवेदन अभी तक आए हैं। जबकि बिहार से सिर्फ 800 आवेदन ही मिले हैं जो काफी कम हैं। ईएसआईसी के मुताबिक इन दोनों राज्यों से एक बड़ी संख्या में युवा नौकरी करने के लिए अन्य राज्यों में जाते हैं।
राज्य कर्मचारी बीमा निगम के इंश्योरेंस कमिश्नर, रेवेन्यू एंड बेनिफिट एम के शर्मा कहते हैं कि आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा आवेदन आए हैं। इन राज्यों में बिहार और यूपी से एक बड़ा हिस्सा नौकरी करता है। इसके अलावा दिल्ली एनसीआर और गुजरात में भी युवा नौकरी करते हैं। हालांकि कोरोना के दौरान बड़ी संख्या में युवाओं की नौकरी गई है, जिसके मुकाबले आवेदन अभी कम ही आए हैं।
एम के शर्मा कहते हैं कि इस योजना में आवेदन की पूरी प्रक्रिया सरल कर दी गई है। साथ ही ईएसआईसी में योगदान दे चुका कोई भी कर्मचारी इसमें आवेदन कर सकता है। आवेदक को तीन महीने तक सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा दिया जा रहा है।
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