यूनिक समय, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के स्वास्थ्य क्षेत्र और जूट किसानों को बड़ी राहत दी है। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को अगले पांच वर्षों के लिए जारी रखने और जूट किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को मिली नई जान: पिछले दस वर्षों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान इस मिशन ने अहम भूमिका निभाई थी। अब कैबिनेट के फैसले से इस मिशन को और मजबूती मिलेगी और देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
जूट किसानों के चेहरे पर लौटी मुस्कान: केंद्रीय कैबिनेट ने सत्र 2025-26 के लिए कच्चे जूट का एमएसपी 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 6% अधिक है। इस फैसले से जूट किसानों को बड़ी राहत मिली है और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दी जानकारी: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने पिछले दस वर्षों में 12 लाख से अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जोड़ा है और कोविड-19 महामारी के दौरान देश की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी बताया कि जूट किसानों के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी से उन्हें उत्पादन लागत पर 66.8% का लाभ होगा।
देश के लिए खुशखबरी: ये दोनों ही फैसले देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जारी रहने से देश का स्वास्थ्य ढांचा मजबूत होगा और जूट किसानों के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी से कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
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