
नई दिल्ली। आर्थिक मंदी की चिंता के बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने की जरूरत है जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियां निवेश के लिये आगे आए. उन्होंने वित्तीय क्षेत्र में बने अप्रत्याशित दबाव से निपटने के लिए लीक से हटकर कदम उठाने पर जोर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि निजी निवेश तेजी से बढ़ने से भारत को मध्यम आय के दायरे से बाहर निकलने में मदद मिलेगी.
कुमार ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में जारी संकट का असर अब आर्थिक विकास पर भी दिखने लगा है. ऐसे में निजी क्षेत्र को निवेश के लिए प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है, ताकि मध्य वर्ग की आमदनी में इजाफा हो सके. इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी दिखेगा. उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों में वित्तीय क्षेत्र की ऐसी हालत कभी नहीं रही है. निजी क्षेत्र में अभी कोई किसी पर भरोसा नहीं कर रहा और न ही कोई कर्ज देने को तैयार है. हर क्षेत्र में नकदी और पैसों को जमा किया जाने लगा है. इन पैसों को बाजार में लाने के लिए सरकार को अतिरिक्त कदम उठाने होंगे.
अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बारे में नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि पूरी स्थिति 2009-14 के दौरान बिना सोचे-समझे दिए गए कर्ज का नतीजा है. इससे 2014 के बाद गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि फंसे कर्ज में वृद्धि से बैंकों की नया कर्ज देने की क्षमता कम हुई है. इस कमी की भरपाई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने की. इनके कर्ज में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई. एनबीएफसी कर्ज में इतनी वृद्धि का प्रबंधन नहीं कर सकती और इससे कुछ बड़ी इकाइयों में भुगतान डिफॉल्ट की स्थिति उत्पन्न हुई. अंतत: इससे अर्थव्यवस्था में सुस्ती आई.
नोटबंदी और जीएसटी के बाद नकदी में आई कमी
कुमार ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी तथा दिवालिया कानून के कारण खेल की पूरी प्रकृति बदल गयी. पहले 35 प्रतिशत नकदी घूम रही थी, यह अब बहुत कम हो गयी है. इन सब कारणों से एक जटिल स्थिति बन गयी है. इसका कोई आसान समाधान नहीं है. सरकार और उसके विभागों द्वारा विभिन्न सेवाओं के लिए भुगतान में देरी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह भी सुस्ती की एक वजह हो सकती है. प्रशासन प्रक्रिया को तेज करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.
#WATCH: Rajiv Kumar,VC Niti Aayog says,"If Govt recognizes problem is in the financial sector… this is unprecedented situation for Govt from last 70 yrs have not faced this sort of liquidity situation where entire financial sector is in churn &nobody is trusting anybody else." pic.twitter.com/Ih38NGkYno
— ANI (@ANI) August 23, 2019
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