यूपी के कैबिनेट मंत्री फंस गए आवारा पशुओं के बीच, 40 मिनट तक फूले रहे अधिकारियों के हाथ-पांव

नई दिल्ली। आवारा पशुओं से पश्चिमी यूपी के कई जिले परेशान हैं। बीते विधानसभा चुनाव में भी आवारा पशु चुनावी मुद्दा रहा।  आवारा पशुओं की वजह से मंत्री धर्मपाल सिंह को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। आलम यह कि अधिकारियों और पुलिस के चौक-चौबंद व्यवस्था के बाद भी लोगों ने आवारा पशुओं को सड़क पर हांक कर पशुपालन मंत्री और उनके प्रमुख सचिव का काफी देर तक काफिला रोके रखा। काफी मान-मनौव्वल और आश्वासन के बाद रास्ता खाली हुआ तो मंत्री का काफिला आगे बढ़ सका। यह घटना आंवला विधानसभा क्षेत्र के सिरौली की है।

यूपी सरकार में पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह, आंवला विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। धर्मपाल सिंह अपने अतिरिक्त प्रमुख सचिव डॉ.रजनीश दुबे के साथ आंवला तहसील में पशु पॉलिक्लिनिक का भूमिपूजन करने जा रहे थे। पॉलिक्लिनिक आंवला तहसील के गुड़गांव में 9.14 करोड़ की लागत से बनना है।

दरअसल, क्षेत्र में आवारा पशुओं से लोग काफी परेशान रहते हैं। बीते विधानसभा चुनाव में भी आवारा पशु चुनावी मुद्दा था। मंत्री जी के काफिले के आने-जाने में कोई दिक्कत न हो इसलिए जिला प्रशासन ने पहले से ही लेखपाल, सफाईकर्मचारी व अन्य कर्मचारियों को आवारा पशुओं को रास्ता पर आने से रोकने की ड्यूटी लगा दी थी। साथ ही पूरे रूट की सफाई कराई गई थी। उधर, गांववालों को जब मंत्री के काफिले के उधर से गुजरने की भनक लगी तो वह पहले से ही तैयार हो गए। जैसे ही मंत्री का काफिला सायरन बजाता उधर की ओर बढ़ा, गांववालों ने पिपरिया उपराला गांव के पास सड़क पर आवारा पशुओं को हांक दिया। काफी संख्या में आवारा पशुओं के सड़क पर आ जाने से मंत्री का काफिला फंस गया। गांववाले गुस्से में सड़क पर आ गए। उधर, मंत्री का काफिला फंसते देख अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए।

गांववालों का गुस्सा देख मंत्री धर्मपाल सिंह समझ गए। उन्होंने गांववालों को आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए आश्वासन दिया। मंत्री के आश्वासन मिलने के बाद गांव वाले माने और उन्होंने 40 मिनट तक रूके काफिले को जाने दिया। एसडीएम ने बताया कि मंत्री धर्मपाल सिंह ने ग्रामीणों को समझाया और उन्हें आश्वासन दिया कि क्षेत्र में ग्राम सभा की भूमि की पहचान करके जल्द ही एक गौशाला स्थापित की जाएगी।

 

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