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लखनऊ। यूपी में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन में छोटे दुकानदारों को राहत देने के लिए कवायद शुरू हो गई है। दरअसल मामले में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से मांग की गई है कि बेहाल छोटे दुकानदारों, वाणिज्यिक संस्थानों, होटलों, मिष्ठान भंडारों आदि ऐसे उपभोक्ताओं को अप्रैल, मई और जून के बिजली बिल में फिक्स्ड चार्ज व डिमांड में रिबेट दी जाए। इस मांग पर भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने यूपी के प्रमुख सचिव, ऊर्जा और सीएमडी, एनटीपीसी से रिपोर्ट मांग ली है. जानकारी के अनुसार पावर कार्पोरेशन एक-दो दिन में अपनी डिमांड भेज देगा। उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार से रिबेट की राशि मिलने पर फैसला हो सकता है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा के अनुसार इस बार ऊर्जा मंत्रालय से 200 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। पहली कोरोना लहार में रुपया 343 करोड़ रिबेट मिली थी।
उन्होंने कहा कि अप्रैल से जून तक कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन रहा। इससे बेहाल छोटे दुकानदारों को बंदी की अवधि में बिजली के फिक्स्ड चार्ज, मिनिमम चार्ज सहित डिमांड चार्ज की माफी कराने को लेकर उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने प्रस्ताव भेजा था। भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय पूर्व की भांति इस बार भी रिबेट देने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे रहा है। 1 जुलाई 2021 को उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने यूपी के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा से मिलकर ऐसे उपभोक्ताओं को रिबेट दिलाने के लिए एक प्रस्ताव सौपा था, जिसको ऊर्जामंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री, भारत सरकार को निर्णय लेने के लिए भेजा था।
इस प्रस्ताव पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री, भारत सरकार आरके सिंह के निर्देश पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रमुख सचिव ऊर्जा, उप्र व सीएमडी एनटीपीसी से पहली लहर में दी गयी रिबेट के क्रम में दूसरी लहर में रिबेट देने के लिए अप्रैल, मई, जून महीनों के वर्ष 2020 और वर्ष 2021 का पूरा बिजली उपभोग का डाटा मांगा गया है. एक-दो दिन में पावर कार्पोरेशन पूरा डाटा केंद्रीय ऊर्जामंत्रालय को भेज देगा और फिर रिबेट के बारे में भारत सरकार निर्णय लेगी।
अवधेश कुमार वर्मा के अनुसार पूरे प्रदेश में अगर आंकड़ों की बात करें तो राज्य सेक्टर के उत्पादन निगम, केंद्रीय उत्पादन सेक्टर, राज्य निजी क्षेत्र व केंद्रीय निजी क्षेत्र की जो कुल उत्पादन गृहों की जो डिक्लेयर्ड कैपबिलटी अप्रैल 2021 में 17066 मेगावाट थी, वहीं शेड्यूल्ड जनरेशन 14380 मेगावाट थी. यानी दोनों के बीच 2687 मेगावाट का अंतर है. इसी प्रकार मई, 2021 में दोनों के बीच ये अंतर 5561 मेगावाट और जून 2021 में यह अंतर 3827 मेगावाट रहा. तीनों महीनों कुल 12075 मेगावाट का अंतर दोनों के बीच है. जिसके आधार पर प्रदेश को 200 करोड़ से ज्यादा का रिबेट कैपेसिटी चार्ज ने मिलना तय है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 के लॉक डाउन में ऐसी फार्मूले से प्रदेश को लगभग 343 करोड़ का रिबेट मिला था. इस बार लगभग 200 करोड़ रिबेट का लाभ उन उपभोक्ताओं को दिया जा सकता है, जिनका लॉक डाउन से नुकसान हुआ है.
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