भाजपा लगातार इंडिया गठबंधन में दरार डालने का प्रयास कर रही है। अब अमेठी व रायबरेली में भी भाजपा ने मजबूत व्यूह रचना की है। यहां पर चुनावी मैदान में उतरना गांधी परिवार के लिए आसान नहीं है।
गांधी परिवार के लिए प्रदेश में सुरक्षित मानी जाने वाली अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट के सियासी समीकरण बदल चुके हैं। अब इन दोनों सीटों पर गांधी परिवार की दस्तक आसान नहीं है। हालांकि बदली सियासी परिस्थितियों में कांग्रेस ने भी नए सिरे से मंथन शुरू कर दिया है। कांग्रेस नई रणनीति के तहत रायबरेली से प्रियंका गांधी के मैदान में नहीं उतरने पर दलित और अमेठी में ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा सकती
रायबरेली सांसद सोनिया गांधी के राज्यसभा में जाने और रायबरेली की जनता को भावनात्मक चिट्ठी लिखने के बाद भाजपा सक्रिय हुई। सपा-कांग्रेस दोस्ती की वजह से गठबंधन इसे बहुत सकारात्मक नजरिए से देख रहा था। भाजपा ने कांग्रेस मुक्त यूपी के लिए इन दोनों ही सीटों को लेकर तगड़ी व्यूह रचना तैयार की। सपा विधायक मनोज पांडेय और राकेश प्रताप सिंह के जरिये दोनों सीटों पर एक तरफ मजबूत जातीय किलेबंदी की तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन में दरार डालने की भी कोशिश की। इसी तरह राज्यसभा चुनाव में सपा विधायक महराजी देवी की अनुपस्थिति भी कम अहम नहीं मानी जा रही है
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