केंद्र सरकार की स्पॉसरशिप योजना के तहत इस जिले से सर्वाधिक 3512 बच्चों को चिह्नित किया गया है। इनमें से 593 बच्चों को चार हजार रुपये प्रति महीने की आर्थिक मदद के लिए जिला स्तरीय कमेटी की हरी झंडी मिल गई है।
विस्तार:आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवारों के बच्चों की पहचान कर उन्हें मदद पहुंचाने में वाराणसी प्रदेश में नंबर वन हो गया है। केंद्र सरकार की स्पॉसरशिप योजना के तहत इस जिले से सर्वाधिक 3512 बच्चों को चिह्नित किया गया है। इनमें से 593 बच्चों को चार हजार रुपये प्रति महीने की आर्थिक मदद के लिए जिला स्तरीय कमेटी की हरी झंडी मिल गई है। साथ ही और बच्चों की भी तलाश की जा रही है।
ये हैं पात्रता शर्तें:-
ऐसे बच्चे, जिनके पिता की मृत्यु हो गई हो। मां तलाकशुदा या परिवार से परित्यक्त हो।
जिनके माता-पिता या उनमें से कोई एक जानलेवा या गंभीर बीमारी से ग्रसित हो।
ऐसे बच्चे जो कानून से संघर्ष कर रहे हों। जो बेघर हों, या विस्थापित परिवार के साथ रह रहे हों।
जिन्हें बाल तस्करी, बाल विवाह, बाल भिक्षा वृत्ति या बालश्रम से मुक्त कराया गया हो।
जो प्राकृतिक आपदा के शिकार हों, दिव्यांग या घर से भागे हुए हों।
माता-पिता या उनमें से कोई एक जेल में निरुद्ध हों। ऐसे बच्चे, जो एचआईवी एड्स से प्रभावित हों।
ऐसे बच्चे, जिनके माता-पिता आर्थिक, शारीरिक या मानसिक रूप से देखभाल में असमर्थ हों।
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