सरकार को बड़ी कामयाबी: नीरव से पहले शिकंजे में विजय माल्या

नई दिल्ली। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या लंदन कोर्ट ने एक और बड़ा झटका दिया है। लंदन कोर्ट ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज कर दी है। आपको बता दें कि प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दाखिल कर माल्या ने खुद को बचाने की एक और कोशिश की थी पर कोर्ट से उन्हें तगड़ा झटका लगा है। इससे पहले ब्रिटेन के होम सेक्रटरी साजिद जाविद ने माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे। UK सरकार के इसी फैसले के खिलाफ माल्या ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
विजय माल्या ने कोर्ट में अपील की थी कि उसे भारत प्रत्यर्पित न किया जाए। लंदन कोर्ट ने विजय माल्या की याचिका को एक सिरे से खारिज कर दिया। विजय माल्या ने ब्रिटेन के गृह सचिव साजिद जाविद के उस निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दी थी।
बता दें कि भारतीय बैंकों से धोखाधड़ी के मामले में शराब कारोबी आरोपी विजय माल्या जांच के दौरान ही मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। माल्या को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार और भारतीय जांच एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही हैं। दिसंबर 2018 में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या को भारत भेजने का फैसला सुनाया था। इस फैसले के बाद प्रत्यर्पण संबंधी आदेश की फाइल होम सेक्रेटरी को भेज दी गई थी। अब होम ऑफिस ने भी माल्या के प्रत्यर्पण संबंधी फाइल पर दस्तखत कर दिए थे। माल्या के पास अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अगले 14 दिन में अपील करना का समय भी दिया गया था।
ब्रिटेन कोर्ट के प्रत्यर्पण वाले आदेश के बाद विजय माल्या ने भारत के बैंकों से लिए लोन का मूलधन वापस करने की पेशकश भी की थी। विजय माल्या ने ट्वीट कर कई बार कहा था कि वह मूल राशि का 100 प्रतिशत लौटाने को तैयार हैं और इसे स्वीकार किया जाए।
आपको बता दें कि इससे पहले भगोड़े विजय माल्या ने दिसंबर महीने में आग्रह किया था कि उसे आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के जरिये शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने माल्या की इस अर्जी को खारिज कर दिया था. विजय माल्या ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

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