यूनिक समय, नई दिल्ली। इस समय देश के कई हिस्सों मे भारी बरसात हो रही है। यूपी के लखनऊ में तो जलभराव की स्थिति है। बाकी उत्तराखंड और दिल्ली में अलर्ट जारी किया गया है। दरअसल, इस प्रकार से मौसम बदलना और जलभराव होना अक्सर बीमारियों को बुलावा देते हैं और फिर आप गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं।
सबसे ज्यादा इस मौसम में खतरा वायरल फीवर होता है जो कि रह-रह कर हो सकता है। वायरल फीवर को लेकर परेशान करने वाली बात ये है कि एक व्यक्ति से दूसरी व्यक्ति तक आसानी से फैलता है और एक बंद से पूरे परिवार को हो सकता है। ऐसे में जान लेते हैं कि वायरल फीवर से कैसे बचा जा सकता है।
बाहर की चीजों को खाना बंद करें
बरसात के मौसम में वायरल फीवर आपको आसानी से हो सकता है। दरअसल, अगर आप बाहर का खाना खा रहे हैं या फिर आप कहीं भी कुछ भी खा-पी रहे हैं तो, ऐसे में इंफेक्शन का आसानी से शिकार हो सकते हैं। इसलिए इस मौसम में बाहर का खाना खाना बंद करें और घर में बनाया हुआ ताजा और गर्म खाना खाएं। साथ ही कोशिक करें कि पानी घर का फिल्टर किया हुआ ही पिएं और अपने बॉटल को बाकी लोगों के साथ शेयर न करें।
लौंग और तुलसी की चाय 1 बार जरूर लें
लौंग और तुलसी असल में एंटीवायरल गुणों से भरपूर हैं और इसलिए इस मौसम में इन दोनों से बनी चाय को पीना आपको कई बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा ये चाय आपको कोल्ड और कफ की समस्या से बचा सकती है और सिर दर्द को कम कर सकती है। इसके अलावा ये एंटी इंफ्लेमेटरी भी है जो कि आपकी इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद कर सकती है।
मास्क पहनें और साफ-सफाई का ध्यान रखें
ये मौसम ऐसा है कि आपके आस-पास बैठा हर व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। ऐसे में आपको अपनी सुरक्षा का ख्याल रखते हुए मास्क पहनना चाहिए क्योंकि हर छींकने और खांसने वाला व्यक्ति आपको ये ट्रांसफर कर सकता है। इसके अलावा आप अपनी हाथ की साफ-सफाई का भी खास ख्याल रखें और तमाम बीमारियों से बचने की कोशिश करें।
रोगी से दूरी बनाएं
अगर आप किसी बीमार व्यक्ति के सीधे संपर्क में आते हैं तो आप आसानी से वायरल इंफेक्शन की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए, आपको वायरल बुखार से बचने के लिए बीमार व्यक्ति से दूरी बनाए रखनी चाहिए। साथ अपने घर के बच्चों और बुजुर्गों को किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कम होती है जिससे वे वायरल संक्रमण की चपेट में आने के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। इसके अलावा लक्षण दिखते ही डॉक्टर को दिखाएं और सही इलाज लें।
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