निचले क्षेत्रों के निवासियों में मचा हड़कंप
मथुरा। ताजे वाला से लगातार यमुना में जल की वृद्धि करके छोड़ी जा रही है। आज सुबह सात बजे एक लाख क्यूसेक जल अधिक छोड़ा गया। यहां से 593986 क्यूसेक पानी वर्तमान में छोड़ा जा रहा है। मथुरा में 21 अगस्त की शाम के बाद यमुना खतरे के निशान को छू सकती है। इसे देखते हुए मथुरा वृंदावन और यमुना किनारे के गांव व कस्बों के लोगों को जिला प्रशासन ने अलर्ट कर दिया है। जन्माष्टमी पर यमुना अपने पूरे वेग में दिखाई दे सकती है।
इस साल अगस्त माह में पहाड़ी क्षेत्रों में अत्याधिक जलवृष्टि और बादल फटने से यमुना में लगातार जल वृद्धि हो रही है।
जनपद में यमुना खतरे के निशान तक पहुंच चुकी है।
वृदांवन में यमुना खतरे के निशान को छूने के करीब है। जनपद के शेरगढ़, नौहझील, जयसिंहपुरा, औरंगाबाद, जमुनापार, महावन, गोकुल, कोयला तथा बलदेव क्षेत्रों में जिला प्रशासन ने लोगों को अलर्ट किया है। मथुरा निवासी महेश ने बताया कि दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण यहां पर बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। उसने कहा कि अगर हथिनी कुंड का पानी छोड़ा गया तो पूरा इलाका डूब जाएगा।
मथुरा के एडीएम (वित्त) ब्रजेश कुमार ने कहा कि अभी तक हालात समान्य हैं। शनिवार को नदी खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे थी। जल स्तर 163.93 मीटर था, जबकि खतरे का निशान 166.66 है। रविवार को सुबह आठ बजे तक ताजे वाला से 593986 क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। सुबह सात बजे एक लाख क्यूसेक पानी ज्यादा छोड़ा गया। यह पानी मथुरा में 21 अगस्त की शाम तक मथुरा में पहुंचना प्रारंभ होगा। रविवार को मथुरा में यमुना का जल स्तर दोपहर एक बजे 163.84 मीटर था। फिर भी ऐहतियातन एनडीआरएफ को अलर्ट किया गया है। सभी के खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। हम हर हालात से निपटने में सक्षम हैं।
सूत्रों की माने तो यमुना श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर अपने पूरे वेग पर होगी। संभावना है कि यदि यमुना में ताजे वाला स और ज्यादा पानी छोड़ा गया तो जन्माष्टमी पर मथुरा में यमुना खतरे के निशान को पार कर जाये। वहीं दूसरी ओर किसानों की फसलें जल मग्न हो सकती हैं। जिससे जनपद में सब्जी की किल्लत हो सकती है।
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