अब सांसदों, विधायकों के घरों के बाहर बजेगा बैंड बाजा!

नई दिल्ली। दिल्ली और देश के कई राज्यों में लगे लॉकडाउन से आम और खास सभी परेशान हैं। विशेषकर उन लोगों के लिए बड़ी परेशानी बन गई है जो हर रोज कमाने वाले हैं या फिर छोटे-मोटे रोजगार से जुड़े हैं।

ऐसा ही एक मामला अब बैंड बाजे वालों का सामने आया है जो शादी समारोह से लेकर हर छोटी-बड़ी खुशियों में शरीक होते हैं। अब इन लोगों ने अपनी रोजी-रोटी पर आए संकट को दिल्ली के सांसदों और दिल्ली सरकार के सामने अनूठे तरीके से उठाने का फैसला किया है।

ऑल इंडिया साउंड एसोसिएशन ने फैसला किया है कि वह अब लुटियन जोन स्थित सभी सांसदों के सरकारी आवासों पर बैंड बाजा बजाएंगे और अपनी उस आवाज और दर्द को उन सभी सांसदों के सामने रखेंगे जिसको वह पिछले 14 माह से झेल रहे हैं।

20 मई तक का द‍िया है अल्‍टीमेटम
एसोसिएशन के चेयरमैन वीरेंद्र बब्बर का कहना है कि लॉकडाउन और कोरोना की वजह से साउंड और लाइट का व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो चुका है. इससे जुड़े लोगों को सरकार की ओर से कोई आर्थिक मदद नहीं दी गई है। अब उन्होंने फैसला किया है कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से आर्थिक मदद के लिए जो गुहार लगाई है उसके लिये समय सीमा 20 मई तय की है।

इस दौरान सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जाती है तो वह लोग बैंड बाजा लेकर सड़कों पर उतर आएंगे और सभी जनप्रतिनिधियों के आवासों और कार्यालयों के बाहर बैंड बाजा बजा कर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे।

पीएम को तीन बार ल‍िखा है मांगों को लेकर पत्र
एसोसिएशन का कहना है कि आर्थिक मदद की गुहार लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कई बार पत्र लिखा गया है. पहले दो बार पत्रों पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाने के बाद अब तीसरा पत्र भेजा गया है। ऐसे में अब उनके सामने अपनी आवाज उठाने का और कोई तरीका नहीं बचा है।

सीएम केजरीवाल से मिल चुका हेै प्रतिनिधिमंडल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से भी प्रतिनिधिमंडल ने आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाई. लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं, आर्थिक मदद नहीं दी गई। इसके बाद विधायकों के घर के बाहर भी विरोध दर्ज किया जाएगा।

दिल्ली में बैंड बाजा, लाइट व्यवसाय से जुड़े हैं करीब 50,000 लोग
उन्होंने बताया कि दिल्ली में बैंड बाजा और लाइट के व्यवसाय से करीब 50,000 लोग जुड़े हुए हैं। वहीं इनकी देशभर में बात की जाए तो करीब 2 करोड़ से ज्यादा लोग इससे जुड़े हैं. यह सभी पिछले 14 माह से कोरोना संक्रमण के चलते बहुत बड़ी परेशानी से गुजर रहे हैं।

गोदाम किराया चुकाने को कई ने बेचा अपना सामान
परिवार के खर्च के साथ-साथ कर्मचारियों के वेतन, गोदाम के किराए और बैंकों आदि की किस्त भी नहीं चुका पा रहे हैं। ऐसे हालात में कई बैंड बाजे वालों ने अपना सामान बेचकर गोदाम का किराया चुकाया है। इस सभी समस्या के चलते आखिरकार इन लोगों ने अब इस रास्ते को अपनाने का फैसला किया है।

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