मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में हिंदी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा देने वाला मध्यप्रदेश प्रथम राज्य बन रहा है। यह कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस संकल्प के क्रियान्वयन का परिचायक है जिसके अंतर्गत उन्होंने प्राथमिक शक्षिा से लेकर उच्च शक्षिा में थी मातृ भाषा के उपयोग पर बल दिया है। श्री चौहान ने कहा कि सर्वविदित है कि बच्चे जन्म लेते ही अपनी मातृ भाषा सीखने लगते हैं। प्रतिभा का सहज प्रकटीकरण अपनी मातृ भाषा में ही हो सकता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के मातृ भाषा में ही प्राथमिक और उच्च शक्षिा देने के संकल्प की सद्धिि के लिए मध्यप्रदेश ने गंभीर प्रयास फलीभूत हुए हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 16 अक्टूबर को भोपाल आगमन हो रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह की उपस्थिति में रविवार को दोपहर 12 बजे कार्यक्रम शुरू होगा और प्रदेश एक नए युग में प्रवेश करेगा। शक्षिा के माध्यम का हन्दिी न होना किसी बच्चे की प्रतिभा के कुंठित होने का कारण नहीं बनेगा। हन्दिी के माध्यम से विभन्नि पाठ्यक्रम पढ़ाए जाएंगे। श्री चौहान ने कहा कि ऐसे बच्चे जो अंग्रेजी नहीं समझने के कारण प्रतिभावान होते हुए भी पीछे रह जाते हैं, उनकी प्रतिभा कुंठित हो जाती है। सहज रूप से उनका वास्तविक विकास नहीं होता। उन बच्चों को मेडिकल की शक्षिा हन्दिी में देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने जो प्रयास प्रारंभ किए, उसके परिपालन में हमने मेडिकल की पढ़ाई के लिए पाठ्यपुस्तकें तैयार कर ली हैं। इन पुस्तकों का समारोह पूर्वक लोकार्पण हो रहा है। अब अंग्रेजी की बाध्यता की अनिवार्यता नहीं रही है। यह मध्यप्रदेश के लिए गौरव का विषय है।
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