हर घर में कांच से बनी कई चीजों का इस्तेमाल होता हैं। कांच के बर्तन और शीशा घर के जरूरी समान होते हैं। लेकिन आपने देखा होगा कि अक्सर घर में कांच के टूटने पर लोगों के मन में हमेशा संदेह पैदा हो जाता हैं कि यह शुभ रहेगा या अशुभ। ऐसे में आज हम आपको वास्तु से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं कि किस तरह शीशा हमारी जिंदगी पर असर डालता हैं। अगर वास्तुशास्त्र की करें तो घर पर कांच का टूटना बहुत कुछ कहता है। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
शुभ या अशुभ संकेत
वास्तु के अनुसार, घर पर पड़ी कांच की कोई चीज या शीशा बहुत ही मायने रखता है।माना जाता है कि कांच के टूटने से घर-परिवार पर कोई बहुत बड़ा संकट आने की ओर संकेत करता है। मगर इसके विपरित कुछ लोगों का कहना हैं कि इससे कोई मुसीबत आने से टल जाती है यानि शीशा अपने ऊपर सारी परेशानी लेकर टूट जाता है। ऐसे में परिवार सुरक्षित रहता है।
कांच के टूटने पर क्या करें?
हम सब शीशे में अपनी परछाई देखते है। माना जाता है कि इसमें हमारी आत्मा दिखाई देती है। ऐसे में कांच के टूटने से आत्मा मर जाती है, जिसके कारण उस व्यक्ति को परेशानी या किसी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में वास्तु के अनुसार, अगर किसी से कांच टूट जाए तो उसे किसी बाग में बने कुंड में अपना प्रतिबिम्ब यानि परछाई देखनी चाहिए। ऐसा करने से कांच के टूटने पर हुआ अपशगुन का प्रभाव खत्म हो व्यक्ति के सिर पर पड़ा संकट दूर हो जाता है।
घर में नहीं रखना चाहिए टूटा शीशा
अक्सर लोग कांच के टूटने के बाद भी उसे यूज करते हैं या फिर उसे फेंकने की जगह घर पर पड़ा रहने देते हैं। मगर घर पर पड़ा टूटा कांच होना अशुभ होता है। यह शीशा घर पर नकारात्मक ऊर्जा फैलाने का काम करता है। असल में, टूटा कांच घर पर आने वाली मुसीबत को अपने ऊपर ले लेता है। ऐसे में उसे टूटने के तुरंत बाद घर से बाहर निकाल देना चाहिए। नहीं तो इससे आपको दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है।
इन चीजों का रखें ख्याल
कभी भी गोल या अंडाकार शीशे को न खरीदें। इससे घर में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा नकारात्मक में बदल जाती है। घर पर हमेशा चौकोर आकार का ही शीशा लगाए। शीशे का फ्रेम ज्यादा भड़कीले रंग का नहीं होना चाहिए। हमेशा हल्का नीला, सफेद, क्रीम, हल्का भूरा आदि रंग का ही फ्रेम खरीदा चाहिए। बेडरूप में बेड के पास शीशे को न लगाएं।
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