नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन क्या है, जिससे केंद्र को होगी 6 लाख करोड़ इनकम

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन लॉन्च कर दिया। इस कार्यक्रम को लांच करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आने वाले चार सालों यानी की 2021 से 2025 के बीच में सरकार को इससे 6 लाख करोड़ रुपये की इनकम होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साफ किया कि सरकार केवल अंडर-यूटिलाइज्ड एसेट्स को ही बेचेगी। इसका हक सरकार के पास ही रहेगा और प्राइवेट सेक्टर के पार्टनर्स को तय समय के बाद अनिवार्य रूप से वापस करना होगा।

इस समय केंद्र सरकार घाटे में चल रही है। घाटे से उबरने के लिए सरकार सार्वजनिक कंपनियों की संपत्ति बेचने की योजना बना रही है। लेकिन ये ब्रिकी एक निर्धारित समय के लिए होगी। यानी कि सरकार देश के बड़े प्रोजेक्ट को आने वाले कुछ समय के लिए बड़े उद्योगरतियों को किराये पर देगी और उसके सहारे पैसा इकट्टा करेगी।

लिस्ट में कौन-कौन सी संपत्तियां
सरकार कमाई के लिए बुनियादी क्षेत्र की परियोजनाएं, जैसे रेल, सड़क, एयरपोर्ट, गैस पाइपलाइन, स्टेडियम, बिजली, गोदाम को निजी क्षेत्रों के बड़े उद्योगपतियों को एक निर्धारित समय के लिए किराये से देगी।

किसके पास रहेगा मालिकाना हक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि राष्ट्रीय मॉनेटाइज़ेशन पाइपलाइन ब्राउनफील्ड संपत्तियों के बारे में है जहां निवेश पहले से ही किया जा रहा है। ये ऐसी संपत्तियां हैं जो या तो सुस्त पड़ी हैं या पूरी तरह से मॉनेटाइज़ नहीं की गई हैं या फिर कम उपयोग की गई हैं। उन्होंने साफ किया था कि जिन लोगों के दिमाग में ये सवाल है कि क्या हम ज़मीनें बेच रहे हैं? तो उन्हें बता दें कि हम जमीन नहीं बेच रहे हैं, संपत्ति का मालिकाना हक सरकार के पास बना रहेगा और उनका नियंत्रण वापस करना अनिवार्य होगा।

क्या होता है एसेट मोनेटाइजेशन
संपत्ति मौद्रिकरण का अर्थ सरकारी क्षेत्र की उन संपत्तियों से राजस्व या आय के नए साधनों के रास्ते खोजना है जिनका अब तक पूरा दोहन नहीं किया गया है। सरकार पूंजी की किल्लत से जूझ रही है इसलिए सरकार चाहती है कि निजी कंपनियां पैसे लगाए। कई सरकारी कंपनियां, प्रोजेक्ट लचर प्रबंधन, पूंजी की किल्लत, तकनीकी अक्षमता से जूझ रही है।

कौन-कौन से सेक्टर में है सबसे ज्यादा एसेट मोनेटाइजेशन
केंद्र सरकार ने एसेट मोनेटाइजेशन के लिए नीति आयोग को जिम्मेदारी दी थी। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे, सड़क परिवहन और हाईवे, जहाजरानी, टेलीकॉम, बिजली, नागरिक उड्डयन, पेट्रोलियम और नैचुरल गैस, युवा मामले और खेल में एसेट मोनेटाइजेशन है।

कहां से कितना पैसा मिलेगा
पीटीआई के अनुसार सरकार रेल सेक्टर से स्टेशन, ट्रैक, पैसेंजर ट्रेन, कोंकण रेलवे को मोनेटाइज करने वाली है। इससे चार साल में 1.52 लाख करोड़ मिलेंगे। सड़कों के मोनेटाइजेशन से केंद्र को 1.60 लाख करोड़ मिलेंगे। बिजली से केंद्र सरकार को 45200 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। टेलीकॉम सेक्टर से सरकार को 35100 करोड़ रुपये मिलेंगे। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के 25 हवाई अड्डों को निजी कंपनियों को देने जा रही है। इससे सरकार को 20782 रुपये मिलने वाले हैं।

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