जम्मू—कश्मीर में कुछ बड़ा होने वाला है, खाली कराए जा रहे हैं गुलमर्ग में होटल

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से पर्यटकों और अमरनाथ तीर्थयात्रियों को घाटी छोड़ने के लिए सलाह जारी करने के घंटों बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को दावा किया कि गुलमर्ग में होटलों में रहने वाले लोगों को होटल छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. लोगों को पहलगाम और गुलमर्ग से निकालने के लिए राज्य की बसें लगाई जा रही हैं.

 जम्मू और कश्मीर में शुक्रवार को आतंकी हमले की आशंका को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को वापस लौटने को कहा गया. शुक्रवार शाम जारी की गई एडवाइजरी के बाद रिपोर्ट्स हैं कि घाटी के कई इलाकों में अफरातफरी का माहौल है.

“गुलमर्ग के होटलों में रहने वाले दोस्तों को छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. लोगों को पहलगाम और गुलमर्ग से बाहर निकालने के लिए राज्य सड़क परिवहन बसों को तैनात किया जा रहा है. अगर अमरनाथ यात्रा को खतरा है तो गुलमर्ग को क्यों खाली कराया जा रहा है?”

 

 स्थानीय लोग इस एडवाइडरी को ध्यान में रखते हुए कथित तौर पर राशन खरीदने में लगे हैं. यहां पेट्रोल पंप्स पर भी भारी भीड़ है. हालात ये हो गए हैं कि अफवाहों का बाजार गर्म है.

जम्मू-कश्मीर राज्य गृह विभाग के आदेश से शुक्रवार को लोगों में स्थिति को लेकर अटकलबाजियां शुरु हो गई. क्योंकि लगभग 1.75 लाख तीर्थयात्रियों ने 28 जून से 15 अगस्त तक शुरू होने वाले जत्थों में तीर्थ यात्रा करने का पंजीकरण कराया था.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य के शीर्ष अधिकारी भी अमरनाथ यात्रा के रुकने और पिछले कुछ दिनों में अतिरिक्त बलों की बड़े पैमाने पर तैनाती का कारण नहीं जानते हैं.

 हालांकि राज्य के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि किसी भी तरह के भय की बात नहीं है. मलिक ने कहा कि अमरनाथ यात्रा को बीच में रोकने को अन्य मुद्दों के साथ जोड़कर अनावश्यक भय पैदा किया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर में बीते एक हफ़्ते से फौज़ों की बढ़ती तैनाती को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है. इससे ये अटकल लगाया जा रहा है कि राज्य में कुछ बड़ा होने वाला है. हालांकि सरकार इसे बहुत तूल देने से बच रही है. राजनीतिक दलों को अंदेशा है कि कहीं ये 35 ए को हटाने की कवायद न हो.

 इन सबके बीच खबर है कि घाटी में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी को छात्रों से खाली कराया जा रह रहा है. हालांकि प्रशासन का कहना है कि ऐसा ग़लतफ़हमी की वजह से ऐसा हो रहा है. वहीं दावा किया जा रहा है कि छात्रों से NIT से ले जाने के लिए SRTC की बसें लगाई गई हैं.

वहीं, दूसरी ओर सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्‍लन ने पत्रकारों को बताया कि पिछले तीन-चार दिनों में बहुत बड़ी खुफिया जानकारी मिली है कि पाकिस्‍तान समर्थित आतंकी अमरनाथ यात्रा बाधित करने में लगे हुए हैं. इस जानकारी के आधार पर यात्रा के दोनों मार्गों, दक्षिण की तरफ के पहलगाम वाले रास्‍ते और उत्तर की तरफ के बालटाल वाले रास्‍तों पर सुरक्षाबलों ने गहन तलाशी अभियान चलाया, जिसमें बड़ी सफलता मिली है. उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान, पाकिस्तान आयुध फैक्ट्री में निर्मित एक बारूदी सुरंग को जब्त कर लिया गया.’

 स्थानीय अखबार ग्रेटर कश्मीर के अनुसार, डीसी श्रीनगर डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी ने इसके संदर्भ में बोलते हुए कहा कि उक्त संस्थान या जिले के किसी भी अन्य शिक्षण संस्थान को बंद करने के लिए कोई सलाह या निर्देश जारी नहीं किए गए हैं, केवल मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी संस्थानों के प्रमुखों को सतर्क रहने की सलाह जारी की गई है.

वहीं जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार रात को कहा कि अमरनाथ यात्रा को बीच में रोकने को अन्य मुद्दों के साथ जोड़कर ‘अनावश्यक भय’ पैदा किया जा रहा है . उन्होंने राजनीतिक नेताओं से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने तथा ‘अतिशयोक्तिपूर्ण अफवाहों पर भरोसा ना करने की अपील करने का’ अनुरोध किया.

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