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व्रत के दौरान अक्सर लोग साबूदाना खाते हैं। लेकिन, कभी आपने सोचा है कि ये ऐसा क्यों है। शरीर पर इसका क्या असर होता है और अन्य फायदे। विस्तार से।
साबूदाना व्रत में सबसे ज्यादा खाया जाता है। इसका कारण पूछने पर लोग बताते हैं कि ये कंदमूल वाला फल है इसलिए व्रत में इसे खाते हैं। लेकिन, यही एक कारण नहीं है जिसकी वजह से साबूदाना व्रत के दौरान खाया जाता है। दरअसल, साबूदाना की तासीर इसे खाने की सबसे बड़ी वजह है। जी हां, दरअसल, व्रत के दौरान साबूदाना का सेवन इस कारण से खाया जाता है कि क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। साथ ही व्रत में जब शरीर लंबे समय तक भूखा रहता है तो साबूदाना खाना, पेट भरने के साथ मेटाबोलिज्म को तेज करने में मदद करता है। इसके अलावा भी व्रत में साबूदाना खाने के कई फायदे हैं। कैसे, जानते हैं।
साबूदाना ठंडा है या गरम, ये सवाल अक्सर लोग पूछते हैं। लेकिन, आपको यह जान कर हैरानी हो सकती है कि साबूदाना की तासीर ठंडी होती है इसी वजह से लोग इसे व्रत के दौरान खाते हैं। क्योंकि व्रत के दौरान पेट की गर्मी बढ़ जाती है और इसका ताप बढ़ जाता है। इस ताप को ठंडा करने में साबूदाने का सेवन फायदेमंद है।
साबूदाना खाने से आपका पेट लंबे समय तक भरा रखता है। इसके अलावा ये पेट में नमी और हाइड्रेश बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही दिन भर कि कमजोरी को भरने में साबूदाने का सेवन मददगार हो सकता है। इसका कार्बोहाइड्रेट शरीर को तुरंत एनर्जी देने में मदद करता है।
व्रत के दौरान एसिडिटी और कब्ज की समस्या लोगों को लंबे समय तक परेशान कर सकती है। ऐसे में साबुदाने का सेवन इस समस्या से बचाव में मदद कर सकता है। ये जहां एसिडिटी और बदहजमी को रोकता है। वहीं, इसका फाइबर कब्ज की समस्या से भी बचाव में मददगार है। तो, इन तमाम कारणों से आपको व्रत के दौरान साबूदाना खाना चाहिए।
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