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झारखंड। भरी पंचायत में महिला को जलील किया गया। उसे जूते मारे गए। कान पकड़ कर उठक-बैठक कराई गई। थूक चाटने के लिए मजबूर किया गया। इतनी ही नहीं उस पर जुर्माना भी लगाया गया। मामला झारखंड जिले में गढ़वा शहर के तिसरटेटुका गांव का है। यहां अल्पसंख्यक समुदाय की विवाहित महिला को इसलिए भरी पंचायत में बेइज्जत किया गया कि उस पर पति ने अवैध संबंधों के आरोप लगाए थे, जबकि महिला ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार करते हुए मेराल पुलिस को शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज करने से इनकार कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज की, जिस पर अब जिला SP ने तत्काल कार्रवाई करते के निर्देश दिए और घटना को शर्मनाक बताया। वहीं आदेशों पर एक्शन लेते हुए पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। महिला ने पुलिस पर उसकी शिकायत को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। 30 वर्षीय पीड़ित मुस्लिम समुदाय से है। पंचायत भी इसी समुदाय की हुई थी, जिसमें उस पर चरित्रहीन और डायन होने के आरोप लगाए गए। घटना 15 अगस्त की है। गांव में रहने वाला जब्बार अंसारी, मुजाहिद अंसारी, इलियास अंसारी, साकिर अंसारी, मोकिर अंसारी, असगर अली, इमामुद्दीन अंसारी और इरशाद अंसारी उसके घर आए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने बताया कि वे सभी जबरन उसे और उसके पति को पंचायत में ले गए। पंचायत में उस पर गांव के ही युवक से अवैध संबंधों के आरोप लगाए गए। महिला और उसके पति ने इन आरोपों से इनकार किया, लेकिन पंचायत नहीं मानी और उन्हें सामाजिक बहिष्कार का डर दिखाकर दंड मानने को मजबूर किया। दंड के तहत महिला को 20 जूते मारे। 100 बार कान पकड़ कर उठक-बैठक कराई। थूक चाटने को मजबूर किया। उस पर 56 हजार जुर्माना भी लगाया। मेराल पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, लेकिन SP ने तुरंत संज्ञान लेते हुए गढ़वा SDPO को मामले की जांच करने का निर्देश दिया।
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