
यूनिक समय, मथुरा। बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण के खिलाफ विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। गुरुवार को मंदिर के पुजारी परिवारों की महिलाएं और स्थानीय निवासी सड़कों पर उतरे। विरोध में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी शामिल हुए और प्रदर्शनकारियों के साथ 30 मिनट तक सांकेतिक धरने पर बैठे।
धरने के दौरान महिलाओं ने अजय राय से स्पष्ट शब्दों में कहा कि सिर्फ समर्थन की बात न करें, बल्कि ऐसा साथ चाहिए जिससे कॉरिडोर का निर्माण ही रुक जाए। एक महिला ने तंज कसते हुए कहा, “आप कहते हैं बनारस में साथ दिया, लेकिन वहां तो कॉरिडोर बन गया।”
इस पर अजय राय ने जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस इस प्रोजेक्ट के अधिग्रहण और निर्माण प्रक्रिया का विरोध करती है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि किसी भी विकास कार्य से पहले स्थानीय लोगों से बातचीत हो, उनकी सहमति ली जाए। जो गलियां विश्वप्रसिद्ध हैं, उन्हें बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए।”
अजय राय ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बनारस में कॉरिडोर के नाम पर ऐतिहासिक मोहल्लों को उजाड़ दिया गया और भ्रष्टाचार हुआ। उन्होंने दावा किया कि बनारस में मॉल बना दिया गया और ठेके गुजरात के कारोबारियों को दिए गए।
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने काली पट्टियाँ बांध कर नारेबाजी की और कहा कि वे अपनी ऐतिहासिक गलियों के स्वरूप से कोई समझौता नहीं करेंगी। उन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से भी न्याय की गुहार लगाई।
इस बीच, मंदिर के गोस्वामी परिवार के सदस्य आशीष गोस्वामी ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर इस योजना को सफल नहीं होने देंगे। वहीं हिमांशु गोस्वामी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अधिग्रहण नहीं रोका, तो वे इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे।
दूसरी ओर मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने बयान दिया कि कोर्ट के आदेश से कॉरिडोर निर्माण हो रहा है और इससे अधिकांश स्थानीय लोग संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि सभी को मुआवजा मिलेगा और नई दुकानें उन्हीं को दी जाएंगी जिनकी दुकानें हटाई जाएंगी।
लेकिन विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि उन्हें असलियत नहीं बताई जा रही है और परियोजना उनके जीवन, संस्कृति और आस्था पर सीधा प्रहार है। फिलहाल, बांके बिहारी कॉरिडोर विवाद सुलझने की बजाय और गहराता दिख रहा है।
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