महिला आरक्षण बिल लोकसभा से पास हो गया है। इस पर पर्ची के जरिए वोटिंग हुई। 454 सांसदों ने इसके पक्ष में मतदान किया। महज दो वोट विरोध में पड़ा। यह बिल लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण की व्यवस्था के लिए लाया गया है। अब गुरुवार को बिल राज्यसभा के पटल पर विधेयक रखा जाएगा। अगर राज्यसभा से भी बिल को मंजूरी मिली तो इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के साइन करते ही यह कानून बन जाएगा।
Lok Sabha passes Women's Reservation Bill granting 33% seats to women in Lok Sabha and state legislative assemblies
454 MPs vote in favour of the bill, 2 MPs vote against it pic.twitter.com/NTJz449MRX
— ANI (@ANI) September 20, 2023
अमित शाह बोले- सभी वर्गों पर समान रूप से लागू होगा बिल
महिला आरक्षण बिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारी शक्ति वंदन विधेयक नाम दिया है। बिल पर चर्चा में 60 सांसदों ने अपने विचार रखे। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बिल में ओबीसी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण के बगैर यह बिल अधूरा है। जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह आरक्षण सामान्य, एससी और एसटी में समान रूप से लागू होगा। चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और डिलिमिटेशन होगा। महिलाओं की भागीदारी जल्द ही सदन में बढ़ेगी। विरोध करने से रिजर्वेशन जल्दी नहीं आएगा।
इन पार्टियों ने उठाया ओबीसी वर्ग का मुद्दा
बता दें कि आरजेडी, जेडीयू, समाजवादी पार्टी और बीएसपी समेत कई विपक्षी पार्टियों ने ओबीसी महिलाओं के लिए सीट रिजर्व करने की मांग की है। भाजपा नेता उमा भारती और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी ओबीसी महिलाओं के लिए कोटा तय करने की मांग की है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और पी चिदंबरम ने इस बिल को केंद्र सरकार का जुमला बताया है। असदुद्दीन ओवैसी ने इसे एंटी मुस्लिम और एंटी ओबीसी बिल करार दिया है।
अब ऐसी होगी नई संसद
19 सितंबर यानी मंगलवार को महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किया गया। इसके मुताबिक लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी रिजर्वेशन लागू किया जाएगा।
इस तरह लोकसभा में 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व रहेंगी। यह आरक्षण 15 साल तक रहेगा। इसके बाद इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। यह बिल राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषद पर लागू नहीं होगा।
जानिए कब से लागू होगा बिल?
राज्यसभा से बिल पास होने के बाद इसे परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा। परिसीमन जनगणना के आधार पर किया जाएगा। जनगणना और परिसीमन 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद होगा।
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