यूनिक समय, मथुरा। हथिनी कुंड एवं ओखला बांध से छोड़े गए पानी का असर कल सायं से यहां यमुना में दिखाई देने लगा है। वृंदावन में केशीघाट की सीढ़ियों और मथुरा विश्रामघाट की सीढ़ियों पर पानी चढ़ने लगा है। यमुना में बढ़े जल स्तर के कारण निचले स्तर में किसानों की फसल डूब गई है।
यमुना किनारे रहने वाले लोगों का कहना है कि हथिनी कुंड और ओखला बांध से बिना किसी पूर्व सूचना के जल छोड़ा गया है। उसका असर मंगलवार से दिखाई देने लग गया था। यमुना उफान मारने लग गई। यमुना किनारे के खेत जल मग्न हो गए। किसानों की तैयार होने वाली फसल पानी में डूब गई। यमुना में हिलोरे मारती लहरे अभी भी लोगों को डरा रही हैं।
वृंदावन स्थित केशीघाट पर होने वाली यमुना महाआरती का आरती घाट भी यमुना में बढ़ते पानी ने अपनी चपेट में ले लिया। यहां केशी घाट की कई सीढ़ियां पानी में फिर से डूब गई। ब्रहर्षि देवरहा बाबा घाट पर भी यमुना चढ़ आई है। इसी तरह से मथुरा में विश्राम घाट समेत कई अन्य घाटों पर पानी चढ़ने लगा है। यमुना महारानी के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु को अब यमुना महारानी का अलौकिक नजारा खूब भा रहा है। यमुना में पानी बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वालों की चिंता बढ़ने लगी हैं।
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