
यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने रूस का आह्वान किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने युद्ध को समाप्त करने के प्रयास में रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन के साथ फिर से मीटिंग करने की बात कही है। राजधानी के एक मेट्रो स्टेशन पर संवादादाताओं से बातचीत में ज़ेलेंस्की ने कहा, मुझे लगता है कि जिसने भी इस युद्ध को शुरू किया है वह इसे समाप्त करने में सक्षम होगा।
प्रेसिडेंट ज़ेलेंस्की ने कहा कि अगर पुतिन से रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता होता है तो वह मिलने से नहीं डरते। उन्होंने कहा, “शुरू से ही मैंने रूसी राष्ट्रपति के साथ बातचीत पर जोर दिया है।” उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं है कि मैं चाहता हूं (उनसे मिलना), यह है कि मुझे उनसे मिलना है ताकि इस संघर्ष को कूटनीतिक तरीकों से सुलझाया जा सके। हमें अपने सहयोगियों पर भरोसा है, लेकिन हमें रूस पर कोई भरोसा नहीं है।”
राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन रविवार को कीव का दौरा करेंगे। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण अपने तीसरे महीने में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन भी यात्रा करेंगे। 24 फरवरी के हमले के बाद यह अमेरिकी सरकार के अधिकारियों की पहली आधिकारिक यात्रा होगी।
ज़ेलेंस्की ने कीव से पहले मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की मास्को यात्रा की योजना की निंदा की। उन्होंने कहा कि एंटोनियो गुटेरेस को पहले रूस और फिर यूक्रेन जाना गलत है। इस आदेश में कोई न्याय और कोई तर्क नहीं है।
ज़ेलेंस्की ने अपनी चेतावनी दोहराई कि अगर रूस ने शेष यूक्रेनी सैनिकों को मारियुपोल के काला सागर बंदरगाह में मार डाला तो वे वार्ता तोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि अगर हमारे लोग मारियुपोल में मारे जाते हैं और अगर ये छद्म जनमत संग्रह खेरसॉन के (दक्षिणी) क्षेत्र में आयोजित किए जाते हैं, तो यूक्रेन किसी भी बातचीत प्रक्रिया से पीछे हट जाएगा।।
यूक्रेन के अधिकारियों ने इससे पहले शनिवार को रूस पर मारियुपोली से नागरिकों को निकालने के नए प्रयास को विफल करने का आरोप लगाया था। ज़ेलेंस्की ने कहा कि मार्च में शहर की रूसी घेराबंदी की शुरुआत के बाद से आज सबसे कठिन दिनों में से एक है। ज़ेलेंस्की ने यह भी कहा कि ओडेसा के काला सागर बंदरगाह पर रूसी हमलों में आठ लोग मारे गए और 18 घायल हो गए। ओडेसा और मारियुपोल में रूसी गोलाबारी की वजह से ईस्टर के दिन संघर्ष विराम की उम्मीदें भी दफन हो गईं।
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