24 घंटे में 10 लोगों की मौत से मचा हाहाकार, शहर के बाद अब गांव में भी कोरोना का कहर

यूनिक समय, मथुरा। पिछले 24 घंटे में 10 कोरोना संक्रमण रोगियों ने दम तोड़ दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मथुरा दौरा करने के बाद पहली बार मृतकों का इतना बड़ा आंकड़ा पहली बार आया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी की ओर से जारी कोरोना बुलेटिन के अनुसार बीते 24 घंटे में 468 लोगों की कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट आई है। 468 की संख्या को मिलाकर जिले कुल पॉजिटिव केस 18892 हो गए। इनमें से 15558 रोगी ठीक होकर घर चले गए। इनमें 310 नए रोगी भी शामिल है। बुलेटिन के अनुसार मृतकों की संख्या भी तेजी से बढ़ती हुई 236 पहुंच गई। एक्टिव केसों का आंकड़ा 3098 हो गया। गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों के कोरोना संक्रमण केसों के आंकड़े पर नजर डाली जाए तो ऐसा लगा कि मथुरा में कोरोना की रफ्तार कम हो गई है। यही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा दौरे में दोहराई थी, लेकिन आज आए आंकड़ों ने लोगों को फिर टेंशन में ला दिया। कोरोना बुलेटिन की मानें तो कोरोना संक्रमण शहरी इलाके के साथ ग्रामीण अंचल की ओर बढ़ता जा रहा है।

यूनिक समय, कोसीकलां। कोरोना का कहर अब शहर से गांव पहुंच गया है। अब गांव में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने से हलचल पैदा हो गई है। घरों में बंद सैकड़ों ऐसे लोग है, जिनको बुखार है, लेकिन वह जांच नहीं करा रहे हैं। लोग झोलाछाप डॉक्टरों के यहां से दवाई तो ले रहे है। गांवों में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। स्थिति भयावह होती जा रही है। ऐसे में लोग जागरुक नहीं हुए तो कोरोना संक्रमण से स्थिति बेहद खराब हो जाएगी। पंचायत चुनाव के बाद से गांवों में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं।

गांवों में अधिकतर लोग बुखार आने पर कोरोना की जांच ही नही करा रहे हैं। वह बीमारी छिपाने के लिए झोलाछाप डॉक्टरों के यहां दवाई ले रहे हैं। इसकी वजह से कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना जांच कम होने के कारण स्वास्थ्य विभाग इन्हें कोरोना मौत की श्रेणी में शामिल नहीं कर रहा है। यही वजह है कि कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के गांवों में कोविड गाइडलाइन का पालन नही किया जा रहा है। जिस कारण दूसरे लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो गांवों में स्थिति बहुत बिगड़ जाएगी। एक गांव के व्यक्ति ने बताया कि बीमार मरीज को भर्ती कराने के लिए शहर ले जाया गया मगर कही भी डॉक्टरों ने उसे भर्ती नही किया जिसकी ऑक्सीजन कम हो गई थी।

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