नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक ऐसा गांव है। जहां एक समुदाय के करीब 100 परिवारों ने गांव छोड़ने का एलान कर दिया है। ये सभी परिवार सांप्रदायिक तनाव का हवाला देते हुए पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इन लोगों का आरोप है कि यहां छोटे-छोटे विवादों को सांप्रदायिक झगड़ों का रूप दे दिया जाता है। पूरा मामला मेरठ के लिसाड़ी गांव का है।
दरअसल पिछले दिनों यहां एक बाइक एक्सीडेंट को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। ग्रामीणों की माने तो ये कुछ बच्चों के बीच एक मामूली झगड़ा था। लेकिन जानबूझकर इसे तूल दे दिया गया और पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए एक पक्ष के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया और इस पूरे मामले को सांप्रदायिक रूप दे दिया गया। पीड़ित पक्ष की महिलाओं से लेकर बुज़ुर्ग तक हर शख्स गांव छोड़ने का मन बना चुका है। आरोप ये भी है कि कई बार समझौते की कोशिश की गई। लेकिन दूसरा पक्ष दबंग है। इसलिए समझौता नहीं हो पा रहा है और पुलिस दबंगों के दबाव में काम करती है।
ग्रामीण पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं तो वहीं इस मामले में पुलिस की थ्योरी एक दम अलग है। पुलिस ग्रामीणों के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए मामले में एक नई थ्योरी पेश कर रही है। पुलिस ग्रामीणों को ही कटघरे में खड़ा कर रही है। पुलिस की माने तो आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए पलायन का नाटक कर रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि लिसाड़ी गांव के पलायन का पूरा सच क्या है।
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