नेपाल में भूकंप से 154 लोगों की मौत, पीएम मोदी बोले- हर संभव मदद करेंगे

Earthquake In Nepal

शुक्रवार देर रात नेपाल में आए भूकंप ने एक बार फिर तबाही मचाई है। इस Earthquake में ताजा जानकारी मिलने तक 154 लोगों की मौत हुई है। सैकड़ों लोग घायल हुए हैं, जिनमें कुछ की हालत बेहद गंभीर है। अधिकारियों की मानें तो मृतकों की बढ़ सकती है। 6.4 तीव्रता वाले इस भूकंप के झटके दिल्ली, एनसीआर, पटना और लखनऊ तक महसूस किए गए। वहीं, चीन के कई शहरों तक झटके महसूस हुए।

भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ – Earthquake In Nepal

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में आए भूकंप पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, “नेपाल में भूकंप के कारण हुई जनहानि और क्षति से अत्यंत दुखी हूं। भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।” नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ जाजरकोट पहुंचे। उन्होंने भूकंप पीड़ितों से मुलाकात की।

नेपाल में आए भूकंप में 150 से अधिक लोग मारे गए हैं। नेपाल के रुकुम पश्चिम में कम से कम 36 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। रुकुम पश्चिम के मुख्य जिला अधिकारी हरि प्रसाद पंत ने कहा कि सुबह 5 बजे तक 36 लोगों के मरने की सूचना मिली है।नेपाल के जाजरकोट में कम से कम 34 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। कई लोग घायल हैं और कुछ गंभीर रूप से घायलों को आगे के इलाज के लिए सुरखेत भेजा गया है।

प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने तीनों सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत बचाव और राहत कार्यों में शामिल होने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया है, “प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार रात आए भूकंप में जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी तीन सुरक्षा निकायों को तैनात किया है।”

भारत में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके – Earthquake In Nepal

बेहद शक्तिशाली भूकंप के झटके भारत में भी महसूस किए है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा नेपाल से सटे बिहार और लखनऊ के लोग भी धरती के कंपन के बाद घरों से बाहर निकल आए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर दूर जाजरकोट के पश्चिम में 10 किमी की गहराई में था। भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान यहीं हुआ है। वहीं, काठमांडू के लोग भी घरों से बाहर निकल आए, देर रात तक सड़कों पर ही बने रहे।

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6.4 तीव्रता वाले इस भूकंप के झटके दिल्ली के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और पूरे एनसीआर, पटना व लखनऊ में महसूस किए गए हैं। हाइराइज बिल्डिंग में रहने वाले सैकड़ों लोग अपने घरों से बाहर निकलकर कैंपस में आ गए। सभी देर रात तक वापस घरों में नहीं गए। बता दें कि तेज भूकंप के बाद ऑफ्टर शॉक भी आते हैं। इसकी वजह से लोगों में भय बना हुआ था। कई लोगों ने अपन घरों के पंखे, झूमर को हिलते देखा, इसके बाद भूकंप की आशंका को देखते हुए लोग घरों से बाहर निकल आए। भारत में अभी तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है।

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