जानकारी के मुताबिक सरकार बनने के बाद भाजपा ने रमेश को स्पीकर का पद छोड़ने को कहा है। भाजपा सरकार का कहना है कि अगर रमेश अपनी मर्जी से पद नहीं छोड़ते हैं तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करते हुए स्पीकर ने कहा, “कहां पहुंचे हम? जिस तरह से एक स्पीकर होने के नाते स्थिति से निपटने के लिए मुझ पर दबाव डाला गया…. इन सभी चीजों ने मुझे डिप्रेशन में ढकेला है।”
वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि स्पीकर रमेश कुमार को पद छोड़ने के लिए कह दिया गया है, जो कि सत्तारूढ़ दल के सदस्य का ही होता है। अगर वो ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। कर्नाटक में चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले बीएस येदियुरप्पा को 29 जुलाई को बहुमत साबित करना होगा। जेडीएस ने भी येदियुरप्पा को समर्थन देने के इनकार कर दिया है।
इससे पहले गुरुवार को जिन तीन बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया था, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। ये तीनों कांग्रेस विधायक रमेश एल जारकिहोली, महेश कुमाथल्ली और निर्दलीय विधायक आर शंकर हैं। स्पीकर का कहना है कि अयोग्य घोषित किए गए विधायकों की सदस्यता 23 मई 2023 तक खत्म रहेगी। स्पीकर ने कहा कि विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक ये चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।
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