
यूनिक समय, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे के भीतर प्राकृतिक आपदाओं के चलते 35 लोगों की जान चली गई है, जिनमें से 29 मौतें आकाशीय बिजली गिरने के कारण हुई हैं। राज्य में मानसून से पहले हल्की बारिश, तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ मौसम में तेजी से बदलाव देखा जा रहा है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि आने वाले सात दिनों में बिजली गिरने की घटनाएं और अधिक हो सकती हैं। उन्होंने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि खराब मौसम में घर से बाहर न निकलें और विशेष रूप से पेड़ के नीचे खड़े होने से बचें।
वैज्ञानिकों का मानना है कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से प्रदेश में आकाशीय बिजली की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। मानसून के 18 जून तक पहुंचने की संभावना है, जिससे पहले तेज हवाएं, गरजते बादल और बारिश के साथ बिजली गिरने की घटनाएं और भी अधिक हो सकती हैं।
शनिवार (15 जून) को वाराणसी देश का सबसे गर्म शहर रहा, जहां अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उरई और गाजीपुर सहित प्रदेश के सात शहरों में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। पूर्वी उत्तर प्रदेश में लू जैसे हालात अब भी बने हुए हैं, लेकिन आगामी दिनों में इसमें परिवर्तन संभव है।
मौसम विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे मौसम के अलर्ट पर ध्यान दें और किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचें, ताकि जान-माल के नुकसान से बचा जा सके।
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