35A: महबूबा मुफ्ती की चेतावनी- आग से मत खेलो, कहीं तिरंगा न छोड़ दें कश्मीरी

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने 35 A को लेकर एक बार फिर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 35ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर होगा। पुलवामा हमले के बाद विभिन्न राजनीतिक और मीडिया विमर्शों में कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए हटाने की मांग जोर पकड़ रही थी.

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में इन दिनों आर्टिकल 35 ए का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। अब राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 35ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर होगा। उन्होंने आगे कहा कि जो हाथ 35ए के साथ छेड़छाड़ करने के लिए उठेंगे, वो हाथ ही नहीं वो सारा जिस्म जल के राख हो जाएगा।

महबूबा ने यह बयान श्रीनगर में एक रैली के दौरान दिया। जानकारी के लिए बता दें कि मोदी सरकार ने कश्मीर घाटी में करीब 10 हजार अतिरिक्त जवानों को भेजने का आदेश दिया है। सरकार के इस फैसले से राज्य में हलचल काफी तेज हो गई है। महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं ने केंद्र सरकार के इस फैसला पर नाराजगी जाहिर की है।

अजीत डोभाल भी तीन दिन के दौरे पर गए थे
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी कश्मीर का तीन दिन का दौरा पूरा कर शुक्रवार को लौटे हैं। कुछ लोग कश्मीर में 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजने को अनुच्छेद 35ए को भंग करने से पहले केंद्र की तैयारी के रूप में देख रहे हैं तो कई कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में तेजी लाने के लिए।

प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर दौरे के दौरान राज्य प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजने की मांग की थी, जिसे अब मंजूरी मिली है। उन्होंने इसे स्वतंत्रता दिवस व राज्य में विधानसभा चुनावों की जमीन तैयार करने के लिए सामान्य प्रक्रिया बताया।

केंद्र के फैसले पर महबूबा ने उठाए सवाल
महबूबा मुफ्ती ने घाटी में अतिरिक्त 10 हजार सैनिकों की तैनाती के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया मुफ्ती ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले ने घाटी के लोगों में भय जैसा माहौल पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो सैन्य साधनों से हल नहीं होगी।

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