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उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में गोवर्धन मठपुरी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नश्चिलानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या में मस्जिद नर्मिाण के लिए मुस्लिम पक्षकारों को जमीन देना उचित नहीं है। शंकराचार्य ने जिले के सुमेरपुर क्षेत्र मे इंगोहटा गांव में चल रही सहस्र चंडी यज्ञ में बोलते हुये कहा कि अयोध्या में मस्जिद के लिये जमीन देने का फैसला न्यायोचित नहीं है। उन्होंने इस बात की आशंका भी जतायी कि देश में मोदी और प्रदेश में योगी सरकार का पतन होने के बाद उत्तर प्रदेश में विभाजनकारी ताकतें सिर उठा सकती हैं। शंकराचार्य ने कहा कि प्रदेश में तीन पाकस्तिान बनाने की तैयारियां अंदर खाने की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने निहत्थे गौ रक्षकों पर गोली चलवाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्होंने योगी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश के अवैध बूचड़खाने बंद करवाकर राज्य सरकार ने गौहत्या रोकने का कार्य किया है। बुंदेलखंड में गोवंश की दुर्दशा पर उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि इस देश में रहने वाले सभी लोगों के पूर्वज सनातनी हिंदू थे। देश के आजाद होने के बाद आरक्षण आदि के लालच में लोग सिख, ईसाई, मुस्लिम के मध्य बंटकर अल्पसंख्यक हो गए। पर्यावरण असंतुलन के बारे में उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर पृथ्वी को कुपित किया जा रहा है। इससे जल, वायु, अग्नि, चंद्रमा सभी व्यथित हो रहे हैं। इसका दुष्प्रभाव मानव जीवन पर पड़ रहा है। वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित शिवलिंग बरामद होने के बारे में उन्होंने कहा कि पूरी काशी में शिवलिंग के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कथित शिवलिंग को मस्जिद के वजूखाने का फव्वारा बताने के दावे को गलत बताया। शंकराचार्य ने कहा कि वह किसी भी दल के समर्थक नहीं है। राजनीति ही राजधर्म है। सभी दलों को सत्ता में आने पर राजधर्म का पालन करना चाहिए।
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