यूनिक समय, नई दिल्ली। अमिताभ बच्चन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने अदालत को जानकारी दी कि पिछले कुछ समय से इसका उल्लंघन किया जा रहा है और इसी वजह से उन्हें अदालत आने के लिए मजबूर होना पड़ा। साल्वे ने व्हाट्सएप लकी ड्रा सहित उनके नाम के उदाहरणों और विज्ञापनों का हवाला दिया।
महानायक अमिताभ बच्चन को एक बड़ी राहत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश पारित किया जिसमें कहा गया कि उनकी फोटो, आवाज, नाम या उनकी किसी भी विशेषता का उपयोग बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता है। अमिताभ बच्चन ने अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मुकदमा दायर किया है। एएनआई के ट्वीट के मुताबिक, जानेमाने वकील हरीश साल्वे उनकी पैरवी कर रहे हैं। मामला न्यायमूर्ति नवीन चावला के समक्ष है।
अमिताभ बच्चन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने अदालत को जानकारी दी कि पिछले कुछ समय से इसका उल्लंघन किया जा रहा है और इसी वजह से उन्हें अदालत आने के लिए मजबूर होना पड़ा। साल्वे ने व्हाट्सएप लकी ड्रा सहित उनके नाम के उदाहरणों और विज्ञापनों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि लकी ड्रॉ के नाम अमिताभ और मुकेश अंबानी हैं। उल्लंघनकर्ता ने खुलेआम केबीसी के लोगो की भी नकल की। हमें अक्टूबर में इसकी जानकारी मिली। इसे स्कैम का हिस्सा बताया जा रहा है।
हरीश साल्वे ने आगे यह भी कहा कि, अमिताभ बच्चन का एक वीडियो कॉल भी सामने आया है। जिसमें उनकी छवि दिखाई देती है और कोई अमिताभ बच्चन जैसा चेहरा सामने आता है और वो बोलता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी तरह ही उसने टी-शर्ट पहनी है और वहां कोई उनके पोस्टर बेचकर पैसे भी कमा रहा है। साल्वे ने यह भी कहा कि किसी नेें्र३ुंँुूूंँँंल्ल.ूङ्मे के तहत डोमेन नेम रजिस्टर कराया है। उन्होंने कहा, ‘हम यहां इसलिए हैं क्योंकि हमें इससे नुकसान हो रहा है।’
कुछ गतिविधियां उन्हें बदनाम भी कर सकती हैं अदालत ने यह भी नोट किया कि अमिताभ बच्चन को गंभीर नुकसान होने की संभावना है और अगर आदेश पारित नहीं किया जाता है, तो कुछ गतिविधियां उन्हें बदनाम भी कर सकती हैं। अदालत ने अमिताभ बच्चन के व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन करने वाली सामग्री को हटाने के लिए अधिकारियों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को भी निर्देश जारी किए।
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