वाशिंगटन। अपने भारत विरोधी अभियान के लिए कुख्यात निवर्तमान डेमोक्रेटिक कांग्रेस लीडर एंडी लेविन फिर से एक विवादास्पद बयान दिया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्रवादी राज्य बनने के खतरे का सामना कर रहा है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के पटल पर अपने अंतिम भाषण में खुद को एक आजीवन मानवाधिकार अधिवक्ताबताते हुए कांग्रेसी एंडी लेविन ने कहा अमेरिका को मानवाधिकारों में अधिक सफलता मिली है, हालांकि दुनिया के कई हिस्सों में स्थिति गंभीर थी। पढ़िए और क्या बोले लेविन?
लेविन ने कथिततौर पर कहा-“मैं भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र स्थानों में मानवाधिकारों के लिए एक मुखर वकील रहा हूं, जो एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के बजाय एक हिंदू राष्ट्रवादी राज्य बनने के खतरे में है। लेविन, जिन्होंने मिशिगन से नौवें कांग्रेसनल जिले का प्रतिनिधित्व किया है, अगली कांग्रेस में इसका प्रतिनिधित्व रिपब्लिकन पार्टी की लिसा मैकक्लेन करेंगी।
लेविन ने कहा-“मैं हिंदू धर्म का प्रेमी हूं, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और भारत में पैदा हुए अन्य धर्मों का प्रेमी हूं, लेकिन हमें वहां सभी लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की जरूरत है। चाहे वे मुसलमान हों, हिंदू हों, बौद्ध हों, यहूदी हों, ईसाई हों, जैन हों।”
कांग्रेसी लेविन ने मिस्र सहित कुछ अन्य देशों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां हजारों राजनीतिक कैदी जेलों में सड़ रहे हैं। लेविन ने कहा-“मुझे केवल कुछ हाइलाइट्स का जिक्र करना है। सदन ने बर्मा (म्यांमार) में तख्तापलट की निंदा करते हुए मेरे द्विदलीय प्रस्ताव को पारित किया और हमने वहां बहुत ही परेशान करने वाली मानवाधिकारों की स्थिति के साथ-साथ दमन का विरोध करने के लिए बर्मी लोगों के प्रेरक प्रयासों की निगरानी जारी रखी है। वास्तव में एक कांग्रेसी के रूप में मेरी पहली विदेश यात्रा बर्मा से सीमा पर रोहिंग्या शरणार्थियों से मिलने के लिए बांग्लादेश की थी।”
लॉमेकर के रूप में लेविन कश्मीर सहित भारत के खिलाफ लगातार बयान देने के लिए कुख्यात हैं। 20 अप्रैल को इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) सहित कई मानवाधिकार समूहों द्वारा आयोजित ‘भारत का कश्मीर पर क्रूर उत्पीड़न’ टाइटल वाली वाली एक विशेष कांग्रेस ब्रीफिंग के दौरान लेविन ने इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान देने का आह्वान किया था। लेविन ने आरोप लगाया कि कश्मीर में जो हो रहा है, वह दुनिया का ध्यान देने योग्य है। यह अभी भी एक प्रमुख उदाहरण है कि कैसे प्रधान मंत्री मोदी मानवाधिकारों और लोकतंत्र के मामले में भारत को गलत दिशा में ले जा रहे हैं? लेविन हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के सदस्य हैं और एशिया, प्रशांत, मध्य एशिया और अप्रसार पर उपसमिति के उपाध्यक्ष हैं।
पिछले साल IAMC द्वारा आयोजित एक अन्य कांग्रेस ब्रीफिंग के दौरान लेविन ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी का भारत आज वह भारत नहीं है, जिससे मैं प्यार करता था।
लेविन ने कहा-“मैं जिस देश से प्यार करता हूं, उसके लिए मैं इतना क्रिटिकल और पब्लिकली क्रिटिलकल(आलोचनात्मक) क्यों होऊंगा? इसका उत्तर यह है कि मैं भारत से प्यार करता हूं, इसलिए मैं इसके लोगों पर इन हमलों को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। ऐसा इसलिए है] क्योंकि मैं एक युवा व्यक्ति के रूप में जीवंत लोकतंत्र के समर्थन में इतना भावुक हूं कि मैं देखना चाहता हूं कि आने वाली पीढ़ियों के लिए लोकतंत्र फलता-फूलता रहे।”
डेमोक्रेटिक प्राइमरी में लेविन की हार के बाद हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने उन्हें एक कुशल लेजिस्लेटर, एक मूल्यवान नेता और मेहनतकश लोगों के लिए एक सिद्ध सेनानी के रूप में वर्णित किया। पेलोसी ने कहा-“हमारा हाउस डेमोक्रेटिक कॉकस(सभा जिसमें राजनीतिक दल के सदस्य या नेतागण उम्मीदवार चुनते हैं या नीति-निर्धारण करते हैं) कांग्रेसी लेविन की सेवा के लिए बहुत आभारी है, और हम सदन में उनके नेतृत्व को याद करेंगे।”
पेलोसी ने कहा कि सार्वजनिक सेवा लेविन के डीएनए में थी और उन्होंने अमेरिकी श्रमिकों और कामकाजी परिवारों के एक शक्तिशाली चैंपियन के रूप में कार्य किया। पेलोसी ने कहा कि उन्होंने हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी में शांति और मानवाधिकारों के लिए अमेरिका को एक वैश्विक ताकत के रूप में सुनिश्चित करने के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता लाई।
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