क्या ओमिक्रोन के सब-वेरिएंट XBB.1.5 से भारत को होना चाहिए चिंतित? विशेषज्ञों ने दी जानकारी

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भारत में पाए गए ओमिक्रोन के XBB.1.5 वेरिएंट को काफी खतरनाक माना जा रहा है। यह वेरिएंट चिंता का विषय इसलिए भी बना हुआ है क्योंकि यह BQ1 वेरिएंट से 120 प्रतिशत तेजी से फैलता है। अमेरिका में भी कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे यही वेरिएंट है।

नई दिल्ली, कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार फिर लोगों को डरा रहा है। वायरस का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से सामने आया कोरोना का नया वेरिएंट BF.7 पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इसी बीच अब भारत में इस महामारी के एक और नए वेरिएंट की एंट्री हो चुकी है। ओमिक्रोन के सब-वेरिएंट XBB.1.5 ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। शनिवार को गुजरात में एक शख्स कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन XBB.1.5 से संक्रमित पाया गया है।

वहीं मंगलवार को विशेषज्ञों के अनुसार, ओमिक्रोन XBB.1.5 के एक नए संस्करण ने भारत सहित कई देशों में चिंता बढ़ा दी है, जहां इसके मामले दर्ज किए गए हैं। यह वेरिएंट उन लोगों को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है, जिन्हें पहले टीका लगाया जा चूका है।

नेशनल आईएमए कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन के अनुसार, एक्सबीबी.1.5 एक्सबीबी का उन्नत संस्करण है, जो ओमिक्रोन का एक पुनः संयोजक उप-वंश (recombinant sub-lineage) है। यह कुछ महीने पहले सिंगापुर और बाद में भारत जैसे कई देशों में पाया गया था।

हाल ही में भारत में पाए गए ओमिक्रोन के XBB.1.5 वेरिएंट को काफी खतरनाक माना जा रहा है। यह वेरिएंट चिंता का विषय इसलिए भी बना हुआ है, क्योंकि यह BQ1 वेरिएंट से 120 प्रतिशत तेजी से फैलता है। अमेरिका में भी कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे यही वेरिएंट है। इस वेरिएंट के प्रभाव को देखते हुए इससे पीड़ित मरीजों को तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई है।

डॉ. जयदेवन ने आगे बताया कि इस वेरिएंट में उन लोगों को संक्रमित करने की क्षमता है, जिन्हें पहले कोई संक्रमण था या टीकाकरण भी हुआ था। विशेषज्ञ ने कहा, ‘ XBB.1.5 ने अपने RBD (रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन) में स्थित F486P नामक एक दुर्लभ प्रकार का म्यूटेशन बनाकर इसे हासिल किया। यह ज्ञात नहीं है कि क्या यह अधिक गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। जानकारों का मानना ​​है कि ऐसा होने की संभावना नहीं है।’

हालांकि, उन्होंने कहा कि यह देखने के लिए निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है कि क्या ये चल रहे अनुवांशिक परिवर्तन वायरस को और अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनने में सक्षम बनाते हैं। डॉ. जयदेवन ने कहा, ‘भारत के नवीनतम जीनोमिक सर्विलांस डेटा XBB खाते को 20 प्रतिशत दिखाते हैं, जबकि पुराना संस्करण BA.2.75 अभी भी प्रभावी है। यह परिदृश्य बदल सकता है।’

डॉ. प्रज्ञा यादव, सीनियर साइंटिस्ट, NIV-पुणे, ICMR के अनुसार, जिन्होंने वैश्विक XBB.1.5 मामलों की रिपोर्ट के बारे में ट्वीट किया था, उन्होंने कहा, ‘यूएसए की गिनती सबसे अधिक है और भारत में 1 मामला है जो 24 दिसंबर, 2022 को गुजरात से रिपोर्ट किया गया था। वहीं USA1 357, कनाडा 24, फ्रांस 15, इज़राइल 13, नीदरलैंड्स 10, डेनमार्क 8, स्विट्ज़रलैंड 6, ऑस्ट्रेलिया 5, ऑस्ट्रिया 4 और यूनाइटेड किंगडम में 3 मामले हैं।

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