आयकर विभाग की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। नोटबंदी के दौरान कालेधन से बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदने का मामला सामने आया है। रियल एस्टेट कारोबारी पिनटेल और अमरावती ग्रुप की संलिप्तता सामने आई है। अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
रियल एस्टेट कंपनी पिनटेल और अमरावती ग्रुप की आयकर जांच में पिछली नोटबंदी के दौरान कालेधन से बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदने का मामला सामने आया है। पता चला कि अमरावती ग्रुप ने नोटबंदी के दौरान आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के समीप काकोरी के कठिंगरा गांव की लगभग सारी जमीनों को किसानों को मुंहमांगी कीमत देकर खरीदा था।
इससे जुड़ी 70 सेल डीड में से प्रत्येक में कई खसरा संख्या वाली जमीनें शामिल हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। इन सभी को आयकर विभाग ने 15 दिन पूर्व आईटी एक्ट के तहत जब्त कर लिया, जबकि इसमें शामिल पांच सेल डीड की जमीनें बृहस्पतिवार को बेनामी एक्ट के तहत जब्त हुई हैं।
उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग ने हाल ही में दोनों रियल एस्टेट कंपनियों से जुड़े गोमतीनगर विस्तार निवासी हरेश मिश्रा के ठिकानों पर छापा मारा था, जहां बरामद जमीनों के दस्तावेज की जांच में उन्नाव के हसनगंज निवासी शिवकुमार का नाम सामने आया।
अगले दिन जब आयकर विभाग की टीम ने जब शिवकुमार से पूछताछ की तो उसने बयान दिया कि सारी जमीनें हरेश मिश्रा के जरिए खरीदी गई हैं, जिसमें केवल उसके नाम का इस्तेमाल किया गया था। बता दें कि हरेश मिश्रा पिनटेल, अमरावती और एक्सेला ग्रुप के ज्यादातर प्रोजेक्ट्स में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हैं।
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