यूनिक समय बीएचयू में हुए एक हालिया शोध के अनुसार कोविशील्ड से सिर्फ लोगों के दिल ही मरीज नहीं बने बल्कि शरीर की नसों और जोड़ों में भी दर्द उभरा। शुगर और थायरॉयड बढ़ा। कोरोना काल में कोविशील्ड इंजेक्शन बहुतेरे लोगों का रक्षा कवच बना होगा, इससे इंकार नहीं मगर उसने शरीर के कई हिस्सों में अपना साइड इफेक्ट भी छोड़ा।
बीएचयू में हुए एक हालिया शोध के अनुसार कोविशील्ड से सिर्फ लोगों के दिल ही मरीज नहीं बने बल्कि शरीर की नसों और जोड़ों में भी दर्द उभरा। वह दर्द कई माह तक बना रहा। इसका एक उल्लेखनीय पहलू यह है कि उनमें सेहत संबंधी दिक्कतें अधिक दिखीं जिन्होंने कोरोना से स्वस्थ होने के बाद वैक्सीन लगवाई। इस आश्वस्ति के लिए कि अब दोबारा महामारी नहीं होगी।
शोध के निष्कर्ष हैं कि वैक्सीन लगवाने के बाद मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द के अलावा 0.5 फीसदी लोगों में मधुमेह, 0.5 फीसदी में थायरॉइड और 2.3 फीसदी में लोगों में कमजोरी आई। ऐसे मरीजों में 18.9 फीसदी रिस्क फैक्टर ज्यादा मिले। बीएचयू में जीरियाट्रिक विभाग के प्रो. एसएस चक्रवर्ती और फार्माकॉलोजी विभाग की डॉ. उपिंदर कौर के निर्देशन में उत्तर भारत के उन 1520 लोगों पर शोध में हुआ जिन्होंने फरवरी 2021 से अप्रैल 2022 के बीच कोविशिल्ड वैक्सीन लगवाई। उनमें हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाइनर और बुजुर्ग शामिल थे।
शोध, अल्पकालिक और दीर्घकालीन-दो स्तरों पर प्रभावों के संदर्भ में हुआ। 3.7 फीसदी लोगों की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की शिकायतें मिलीं। हालांकि बाद में वे ठीक भी हो गए। वहीं लांग टर्म यानी एक साल बाद तक लोगों में हृदय, मधुमेह, थायरॉइड की समस्या दिखी। इस शोध टीम में प्रो. संगीता कंसल और डॉ. वैभव जयसवाल भी शामिल थे। यह शोध ड्रग सेफ्टी जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
शोध के अनुसार वैक्सीन लगने के बाद सबसे ज्यादा समस्या महिलाओं और थायराइड के मरीजों में देखी गई। शोध टीम के अनुसार सामान्य लोगों से तीन गुना ज्यादा थायराइड के मरीजों में साइड इफेक्ट सामने आया है।शोध के अनुसार 998 पुरुषों में 82 और 474 महिलाओं में 75 को वैक्सीन लगने के बाद लांग टर्म समस्या हुई। हाइपरटेंशन से पीड़ित 159 लोगों में 31 को बाद में सेहत संबंधी दिक्कतें हुईं। मधुमेह पीड़ित 19.7, थायरायड के 28.8, एलर्जी के 11.9 और फेफड़े की बीमारी से जूझ रहे 11.9 फीसदी लोगों में लांग टर्म साइड इफेक्ट बना रहा।
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