यूनिक समय ,नई दिल्ली। PM मोदी आज दो दिवसीय दौरे पर कुवैत जाएंगे। इससे पहले भारतीय प्रवासियों में खासा उत्साह दिखा। पीएम मोदी के स्वागत के लिए कुवैत में ‘हला मोदी’ कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं, जो शेख साद अल अब्दुल्ला स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित होगा।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत की पहली यात्रा है। पीएम मोदी कुवैत के अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निमंत्रण पर कुवैत जा रहे हैं। यात्रा के दौरान वह भारतीय प्रवासियों से मिलेंगे और एक श्रमिक शिविर का दौरा करेंगे। इसके अलावा वह 26वें अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे।
कुवैत में भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य और प्रवासी भारती पुरस्कार विजेता राजपाल त्यागी ने कहा कि पीएम मोदी हमारे दिलों में हैं और हम बहुत समय से उनके यहां आने का इंतजार कर रहे हैं। 43 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत आ रहा है। उन्होंने बताया कि 2019 में मुझे प्रवासी भारती पुरस्कार मिला था और पीएम मोदी ने हमारे लिए दोपहर के भोजन का आयोजन किया था। उस दौरान मैंने उनसे पूछा था कि वह कुवैत कब आएंगे, और उन्होंने वादा किया था। अब वह वादा पूरा हो रहा है।
कुवैती सिंगर मुबारक अल राशेद ने भी ‘वैष्णव जन तो’ भजन की बात की। उन्होंने कहा कि वह पीएम मोदी के सामने कुवैत यात्रा के दौरान यह भजन गाएंगे। इसके अलावा, भारतीय प्रवासी प्रवीण ने कहा कि भारतीय समुदाय पीएम मोदी को देखने के लिए बहुत उत्साहित है। उन्होंने बताया, ‘यहां सभी संगठन पीएम मोदी के स्वागत के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, और दो हफ्ते पहले से ही तैयारियां शुरू हो गई थीं।’
एक कलाकार रौनक सोनी ने बताया कि हम ‘समर्पण गुजरात एसोसिएशन’ से हैं, हम गरबा कर रहे हैं। एक भारतीय के रूप में यह गर्व का क्षण है कि हमारे पीएम यहां आ रहे हैं, हम बहुत उत्साहित हैं और हमने अपनी तैयारी बहुत अच्छे से की है।
विदेश मंत्रालय के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने पीएम मोदी की कुवैत यात्रा पर विशेष ब्रीफिंग को संबोधित किया और दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अच्छे राजनीतिक संबंध हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान पीएम मोदी को कुवैत के बायन पैलेस में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा और इसके बाद वह कुवैत के अमीर और राजकुमार सबा अल-खालिद अल-सबा के साथ अलग-अलग मुलाकातें करेंगे। इसके बाद कुवैत के प्रधानमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। बता दें कि अरुण कुमार चटर्जी विदेश मंत्रालय के काउंसलर पासपोर्ट वीजा (सीपीवी) और ओवरसीज इंडियन अफेयर्स डिविजन (ओआईए) के पदाधिकारी हैं।
गौरतलब है कि 1981 में भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में आखिरी बार कुवैत की यात्रा करने वाली दिवंगत इंदिरा गांधी थीं। भारत और कुवैत के बीच वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 10.47 अलब डॉलर का रहा। कुवैत भारत के शीर्ष व्यापारिक साझीदारों में से एक है। कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है। इससे देश की 3 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतें पूरी होती हैं। कुवैत के लिए भारत का निर्यात पहली बार 2 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि भारत में कुवैत निवेश प्राधिकरण का निवेश 10 अरब डॉलर से अधिक हो गया। भारत के साथ समुद्री व्यापार इसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ था।
भारतीय रुपया 1961 तक कुवैत में वैध मुद्रा रह चुका है। ये दोनों देशों के बीच स्थायी आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध औपचारिक रूप से 1961 में स्थापित हुए थे। अमीर अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने जुलाई 2017 में निजी यात्रा पर भारत का दौरा किया।
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