यूनिक समय, मथुरा। हमारौ तौ श्रवण कुमार प्रमोद भैया है। बोही तो हमकूं महाकुंभ (संगम) में डुबकी लगावै को कूं भिजवा रहौ है। यह वाक्य किसी और के नहीं बल्कि उन महिला और वृद्धों के हैं, जो उद्योगपति एवं जल पुरुष प्रमोद गर्ग कसेरे की ओर से महाकुंभ मेले में जाने के लिए निःशुल्क बस सेवा में अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए मुकंद विहार पर पहुंच रहे हैं। वह कहते हैं कि सोचा भी नहीं था कि कलयुग में कोई ऐसा भी श्रवण कुमार निकलेगा, जो हमकूं तीर्थयात्रा कराएगा।
बताते हैं कि श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता को पालकी में बिठाकर कंधे के माध्यम से तीर्थयात्रा कराई थी। भगवान परशुराम ने श्रवण कुमार को अपने माता पिता को पालकी में तीर्थ यात्रा कराते देखा तो वह बोले…ऐसा बेटा होना मुश्किल है। भगवान परशुराम ने श्रवण कुमार के माता पिता के दर्शन कर अपने आपको धन्य माना था। फिर उनका आशीर्वाद लिया था। कुछ इसी तर्ज पर उद्योगपति एवं जल पुरुष प्रमोद गर्ग कसेरे ने अपने पिता स्व. बालमुकंद कसेरे और माता स्व. श्रीमती अंगूरी देवी के पुण्य प्रताप से 12 जनवरी से 12 फरवरी तक रोजाना 55 साल की उम्र से बढ़े लोगों को आरामदायक सुविधा युक्त डीलक्स बसों से निःशुल्क प्रयागराज महाकुंभ मेला भेजने का बीड़ा उठाया।
साथ ही भोजन प्रसाद और ठहरने की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी। उद्योगपति प्रमोद गर्ग कसेरे कहते हैं कि उनके मन में वृद्ध लोगों को तीर्थ यात्रा कराने की भावना जागी थी। प्रयागराज के महाकुंभ मेले से बड़ी तीर्थयात्रा कौन सी होगी। यहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है। लोग त्रिवेणी में डुबकी लगाएंगे तो उनके मुंह से निकलेगा जय हो गंगा, यमुना और सरस्वती। फिर क्या तैयारियां शुरु कर दी। अब मुकंद विहार में रोजाना बड़ी संख्या में लोग रजिस्ट्रेशन कराने आ रहे हैं।
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