
यूनिक समय, मथुरा। आज छाता बार एसोसिएशन के बैनर तले स्थानीय अधिवक्ताओं ने काले कानून के खिलाफ पूरे दिन कार्य का बहिष्कार और हड़ताल की। तहसील न्यायालयों में “नो वर्क” का नोटिस जारी करते हुए, सभी अधिवक्ता विरोध प्रदर्शन के लिए सब रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने रजिस्ट्री कर्मचारियों से रजिस्ट्री न करने का अनुरोध किया और कार्यालय में ताले लगा दिए।
छाता बार एसोसिएशन के सचिव कृष्णकांत तिवारी ने बताया कि यह प्रदर्शन काले कानून के खिलाफ किया जा रहा है और देश भर में चल रहे विरोधों के समर्थन में है। जब तक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेगी, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन के दौरान रजिस्ट्री कार्यालय में बैनामा कराने आए ग्राहकों, विक्रेताओं और अधिवक्ताओं के बीच हल्की झड़प हुई, लेकिन बड़ी घटना से बचते हुए स्थिति को शांत किया गया।
अधिवक्ताओं की हड़ताल को दस्तावेज लेखक संघ का भी समर्थन प्राप्त है। प्रदर्शन में छाता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कारण चौधरी, केके पाठक, रोहिड़ीश्वर शर्मा, सुरेंद्र कुमार, विशाल भारद्वाज, सुनील पांडेय, घनश्याम, मानवेंद्र सिंह और राहुल शर्मा समेत कई प्रमुख सदस्य शामिल थे।
यह विरोध प्रदर्शन काले कानून के खिलाफ अधिवक्ताओं की एकजुटता को दर्शाता है, और उनका कहना है कि इस आंदोलन में उनकी आवाज़ तब तक उठती रहेगी जब तक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती।
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