
यूनिक समय,मथुरा। वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर, साथी संस्था, जिला क्षय रोग केंद्र और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक्स के संयुक्त तत्वावधान में बच्चों में टीबी (पीडियाट्रिक ट्यूबरकुलोसिस) की जांच और उपचार को लेकर एक संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बाल टीबी के लक्षणों, जांच प्रक्रिया और उपचार के बारे में जानकारी साझा की।
कार्यशाला के दौरान उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सत्य प्रकाश राठौर ने बताया कि बच्चों में टीबी की पहचान जल्दी करना बेहद आवश्यक है क्योंकि उनके लक्षण वयस्कों की तुलना में अलग और कम स्पष्ट होते हैं। उन्होंने कहा कि जिले में टीबी की जांच और उपचार की सुविधाएं व्यापक स्तर पर उपलब्ध हैं।
डॉ. राठौर ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 2028 तक मथुरा को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत बच्चों को टीबी की दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं।
डॉ. विपुल गोयल ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के नियमित प्रशिक्षण और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों को जांच एवं उपचार के लिए सुसज्जित किए जाने पर जोर दिया।
इस अवसर पर डॉ. एन. सी. प्रजापति, डॉ. बी. पी. माहेश्वरी, डॉ. योगेश अग्रवाल, डॉ. अमन कुमार, डॉ. एस. पी. शर्मा, डॉ. रीता गोयल, डॉ. के. के. अग्रवाल, डॉ. शिल्पा गोयल, डॉ. पी. के. गुप्ता सहित कई अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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