
यूनिक समय, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। यहां 16 नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में 6 ऐसे नक्सली भी शामिल हैं, जिन पर सरकार ने 25-25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। इसके अतिरिक्त, एक महिला और एक पुरुष माओवादी पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले कई नक्सली गंभीर आपराधिक घटनाओं में शामिल रहे हैं और लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बने हुए थे। इन नक्सलियों ने सरकार की आत्मसमर्पण नीति और ‘नियद नेल्ला नार योजना’ के तहत मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
इस मौके पर सुकमा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) किरण चव्हाण, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उमेश गुप्ता और सीआरपीएफ के अधिकारी मौजूद थे। एसपी चव्हाण ने बताया कि सुरक्षा बलों की लगातार रणनीतिक कार्रवाइयों और क्षेत्र में बढ़ते विकास कार्यों से प्रभावित होकर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि सरेंडर करने वाले कुछ नक्सली ओडिशा क्षेत्र से भी संबंधित हैं।
एसपी ने यह भी जानकारी दी कि आत्मसमर्पण के चलते एक पूरा गांव अब नक्सल मुक्त घोषित कर दिया गया है, जिसे प्रशासन की ओर से एक करोड़ रुपये की विकास सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
यह घटना नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है और आने वाले समय में और भी नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संभावना जताई जा रही है।
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