
यूनिक समय, नई दिल्ली। अहमदाबाद में 12 जून को हुआ भीषण विमान हादसा पूरे देश को हिला कर रख गया। एयर इंडिया के विमान के क्रैश में 241 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें वरिष्ठ पायलट सुमित सभरवाल भी शामिल थे। उनके पार्थिव शरीर को आज मुंबई में परिवार को सौंपा गया, जिसके बाद अंतिम यात्रा निकाली गई।
मुंबई के पवई स्थित आवास के बाहर 88 वर्षीय पिता पुष्करराज सभरवाल ने अपने बेटे को अंतिम विदाई दी। कांपते हाथों और आंसुओं से भरी आंखों के साथ जब उन्होंने बेटे को विदा किया, तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं। इस दृश्य ने हर किसी का दिल छू लिया।
कैप्टन सुमित सभरवाल की उम्र करीब 60 वर्ष थी और वे एयर इंडिया के सबसे अनुभवी पायलटों में गिने जाते थे। उनके पास 8,200 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव था। उन्हें मेघानी नगर क्षेत्र में कई लोगों की जान बचाने वाले हीरो के रूप में भी जाना जाता था।
पिता और बेटे के बीच का रिश्ता बेहद गहरा था, लेकिन नौकरी की व्यस्तताओं के चलते वे ज्यादा समय साथ नहीं बिता पाए। सुमित अक्सर कहा करते थे कि रिटायरमेंट के बाद अपने पिता की देखभाल करना चाहते हैं। लेकिन किसे पता था कि यह सपना अधूरा रह जाएगा।
दुर्घटना के समय, टेक-ऑफ के मात्र 50 सेकंड बाद ही विमान ने “मेडे, मेडे, मेडे… नो पावर, नो थ्रस्ट, गोइंग डाउन…” का संदेश एयर ट्रैफिक कंट्रोल को भेजा था। इसके तुरंत बाद विमान का संपर्क टूट गया और वह डॉक्टर्स हॉस्टल से टकराकर आग की लपटों में बदल गया। इस हादसे ने न केवल 241 परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया, बल्कि एक बेटे के उस अधूरे वादे को भी चुपचाप विदा कर दिया, जो अपने बुजुर्ग पिता की सेवा के लिए बना था।
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