
नई दिल्ली। देशभर के 22 राज्यों के किसान 1 जून यानी शुक्रवार से हड़ताल पर हैं। किसानों के आंदोलन का आज दूसरा दिन है। किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने और अपनी आमदनी बढ़ाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय किसान महासंघ के बैनर तले 130 संगठन हड़ताल पर है। इस हड़ताल की वजह से देशभर में फल-सब्जी और दूध किल्लत हो सकती है और लोगों को मुश्किलों का समाना करना पड़ सकता है।
इससे पहले अन्नदाता के आंदोलन के पहले दिन तमाम जगहों पर हालात सामान्य और काबू में रहा। राज्य सरकारों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शहरों में पुलिस की तैनाती की गई है। किसानों का यह आंदोलन चलता रहा तो शहर में सब्जियों और खाद्य पदार्थ को लेकर संकट खड़ा हो सकता है। आंदोलन के दौरान किसानों ने सब्जी, दूध और किसी भी तरह के अन्य उत्पाद को बाजार तक पहुंचाने से मना किया है। हालांकि पहले दिन ही महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में किसान अपना विरोध दर्ज करवाने सड़क पर उतर आए। इस बंद के पहले दिन ही दूध और सब्जियों की सप्लाई पर खासा असर पड़ा और कुछ जगहों पर इनकी कीमत में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा उर्फ कक्का जी का कहना है कि‘इस आंदोलन के अंतिम दिन 10 जून को ‘भारत बंद’ का आह्वान पूरे देश के किसान संगठनों द्वारा किया जायेगा तथा शहर के व्यापारियों, समस्त प्रतिष्ठानों से निवेदन किया जायेगा कि देश के इतिहास में पहली बार अन्नदाता अपनी बुनियादी मांगों को लेकर ‘भारत बंद’ का आह्वान कर रहा है। इसलिए उस दिन (10 जून) वे दोपहर 2 बजे तक अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर अन्नदाता के आंदोलन में सहयोग प्रदान करें।’
Leave a Reply