
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी विधायक अलका लांबा ने पार्टी नेतृत्व की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाये हैं। आप विधायक का आरोप है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पार्टी की बैठक में विधायकों के खिलाफ अभद्र भाषा में बात करते हैं। लांबा ने केजरीवाल को भ्रमित नेता तक करार दिया। उधर, पार्टी ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया देने से इंकार किया है।
इससे पहले अलका लांबा ने शुक्रवार को कहा था कि वह कांग्रेस में जाने को तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि अभी उनके पास कांग्रेस की तरफ से इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आया है। दूसरी तरफ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने भी कहा था कि अगर वह वापस आना चाहती हैं तो कांग्रेस में उनका स्वागत है।अलका लांबा ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए अरविंद केजरीवाल व आप के शीर्ष नेतृत्व पर हमला बोला। लांबा के मुताबिक, बैठक में कई बार विधायकों को केजरीवाल आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। एक बार तो वरिष्ठ विधायक के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर विधायक की आंखों में आंसू आ गए थे और उन्होंने इस्तीफा तक दे दिया था। लेकिन बाद में उन्हें मनाया गया था। अलका लांबा ने कहा कि वह आप में ज्यादा वक्त नहीं बिता सकती। उनको कांग्रेस से निमंत्रण मिलने का इंतजार है। अलका लांबा के मुताबिक, अभी तक मेरे पास कांग्रेस की ओर से इस तरह से कोई प्रस्ताव नहीं आया है। अगर ऐसा कोई प्रस्ताव कांग्रेस की ओर से आता है तो यह मेरे लिए सम्मान की बात होगी। मैं कांग्रेस पार्टी को 20 साल दिए हैं। अब यह कांग्रेस को तय करना है। उधर, अलका लांबा के बागी रुख पर आप कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। सिर्फ आप प्रवक्ता व विधायक ने ट्वीट किया कि अलका लांबा को कांग्रेस में शामिल होने से पहले आप से इस्तीफा देना होगा। इसका सीधा मतलब विधायक की कुर्सी छोडने से है। विधायक का पद 20 साल से कांग्रेस को बचाने के लिए नहीं मिला था।गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) से और फिर कांग्रेस जुड़ी रहीं। छात्र जीवन में अलका लांबा एनएसयूआइ की तरफ से चुनाव लड़ी थीं और दिल्ली विश्वविद्यालय स्टूडेंट्स यूनियन (Delhi University Students Union) की अध्यक्ष भी बनीं। ऐसे में अलका अगर कांग्रेस ज्वाइन करती हैं, तो यह घरवापसी जैसा होगा।
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