पुलिस की मानें तो उत्तराखंड के कोटद्वार में बहुचर्चित वकील सुशील रघुवंशी की हत्यकांड की साजिश वर्ष 2016 से ही शुरू हो गई थी। हत्याकांड की पूरी साजिश पौड़ी जेल में रची गई। सुशील रघुवंशी हत्याकांड की अब तक की जांच में यह बात सामने आई है।
सूत्रों का कहना है कि कोटद्वार में जमीन और खनन के कारोबार से अनैतिक लाभ कमाने वालों की शुरू से ही अपराधियों से सांठ-गांठ रही है। जेल में बंद अपराधी जेल के भीतर से ही इनसे लेनदेन करते आ रहे हैं। कोटद्वार में जमीन से जुड़े एक कारोबारी को जेल में बंद अपराधी से धमकी मिलने के बाद पुलिस को सुशील हत्याकांड को खोलने में मदद मिली है।
13 सितंबर, 2017 को हरिसिंगपुर निवासी वकील सुशील रघुवंशी की दो बाइक सवारों ने दिनदहाड़े उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह घर से अपनी बाइक पर सवार होकर तहसील आने के लिए निकले थे।
हत्याकांड को शार्प शूटरों ने अंजाम दिया था। इसके लिए बदमाश रेकी करने के लिए कई बार कोटद्वार आए थे। दो बार तो वह वकील की हत्या करने के मकसद से पहुंचे थे, लेकिन तब वकील शहर से बाहर रहने के कारण बच निकले।
सुनियोजित हत्याकांड के तार पहले दिन से ही कोटद्वार तहसील में चल रहे भूमि विवाद से जुड़े माने जा रहे थे, लेकिन पुलिस इस जांच में बुरी तरह उलझ गई। इसके कारण सीआईयू, एसटीएफ को भी जांच में लगाया गया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
एसएसपी पौड़ी दिलीप सिंह कुंवर ने हत्याकांड के खुलासे के दौरान स्वीकारा कि अब तक की विवेचनाओं में खामियां रहीं। यही वजह है कि पुलिस हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी थी। एसएसपी ने कहा कि कोटद्वार में एक प्रापर्टी डीलर को जेल में बंद अपराधी की ओर से धमकी मिलने की उन्हें जानकारी है।
जमीनों की खरीद फरोख्त पर वकील सुशील रघुवंशी की आपत्तियों से हत्या के साजिशकर्ताओं का न केवल व्यापार प्रभावित हो रहा था, बल्कि आर्थिक नुकसान होने लगा था। तब उन्होंने वकील को अपने रास्ते से ही हटाने की सोच ली।
इसके लिए उन्होंने सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी के माध्यम से पौड़ी जेल में बंद शातिर अपराधी रूपेश त्यागी से संपर्क साधा। रूपेश वर्तमान में देहरादून में हुई दो हत्याओं में संलिप्त रहा है और एक मामले में सजा भोग रहा है। वह अपराध जगत के कई गैंगों से जुड़ा है। दून में उसके द्वारा किए गए अपराध की प्रकृति को देखते हुए एसआईटी ने उस पर फोकस किया।
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