मुंबई. यह करीबन तय हो चुका है कि उद्धव बिना जनता के बीच जाए ही महाराष्ट्र सदन के सदस्य हो जाएंगे। अब तक फ्रंट की राजनीति करने वाले उद्धव पिछले दरवाजे से विधायक बन सकते हैं। विधानपरिषद की दो सीटों के लिए 24 जनवरी को चुनाव होना है। राकांपा के धनंजय मुंडे और शिवसेना के धनंजय मुंडे दोनों ही विधानसभा चुनाव जीत कर विधायक बने हैं।
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ऐसा होगा चुनाव का कार्यक्रम
चुनाव आयोग ने पिछले दिनों उपचुनाव के कार्यक्रम घोषित किया, जिसके मुताबिक धनंजय मुंडे की विधानसभा चुनाव में जीत के बाद खाली हुई विधान परिषद सीट के लिए सात जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी। वहीं 14 जनवरी तक उम्मीदवार अपनी अर्जी भर सकते हैं। 17 जनवरी तक अर्जी वापस लेने की इजाजत होगी, जबकि 24 जनवरी को मतदान कराया जाएगा। तीनों पार्टियों के संयुक्त उम्मीदवार होने के चलते उद्धव का चुनाव निर्विरोध हो जाएगा। चुने गए सदस्य का कार्यकाल 7 जुलाई 2022 तक होगा। वहीं विधानपरिषद की यवतमाल स्थानीय निकाय सीट के लिए भी उपचुनाव की घोषणा कर दी गई है। इस सीट से विप सदस्य रहे तानाजी सावंत हालिया विधानसभा चुनावों में परांड सीट से चुनाव जीत गए थे। इसके चलते रिक्त हुई इस सीट के लिए 31 जनवरी को मतदान होगा। इस सीट पर चुने जाने वाले सदस्य का कार्यकाल 15 दिसंबर 2022 तक होगा।
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इस संख्या बल से जीतेंगे उद्धव
महाराष्ट्र विकास आघाडी के पास 170 सदस्य हैं। चार अन्य विधायक भी ठाकरे को समर्थन दे सकते हैं। इसलिए इस बात की उम्मीद कम है कि भाजपा अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी। उद्धव ने बीते 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और फिलहाल वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। 27 मई से पहले उनकों दोनों में से किसी एक सदन का सदस्य बनना होगा।
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