नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन से घाटे को निपटाने के लिए रेल मंत्रालय योजना बना रहा है। इसके तहत, ट्रैवल अलाउंस डियरनेस अलाउंस समेत ओवरटाइम ड्यूटी के भत्तों को खत्म किया जाएगा। इसके अलावा, ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को ट्रेन चलाने पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से मिलने वाला भत्ता नहीं दिया जाएगा। लॉकडाउन की वजह से भारतीय रेलवे पहले ही गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। ओवरटाइम ड्यूटी के लिए मिलने वाले भत्ते में 50 फीसदी कटौती हो सकती है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रेल मंत्रालय ने मेल-एक्सप्रेस के ड्राइवर और गार्ड को 500 किलोमीटर पर मिलने वाले 530 रुपये भत्ते में 50 फीसदी कटौती का सुझाव दिया है। इसके साथ ही, रेल कर्मचारियों की सैलरी में छह महीने 10 फीसदी से 35 फीसदी तक की कटौती की सिफारिश की है।
इनमें हो सकती है ये कटौती
इतना ही नहीं, मरीज देखभाल, किलोमीटर समेत नॉन प्रैक्ट्रिस भत्ते में एक साल तक 50 फीसदी कटौती की जा सकती है। वहीं, अगर कर्मचारी एक महीने ऑफिस नहीं आता है, तो ट्रांसपोर्ट भत्ता 100 फीसदी कटा जा सकता है. बच्चों की पढ़ाई के लिए भत्ते के लिए 28,000 रुपये मिलते हैं, जिसकी समीक्षा होनी अभी बाकी है।
5 हजार कोच आइसोलेशन वार्ड तब्दील
भारतीय रेलवे भी अन्य मंत्रालयों और विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि कोरोनो वायरस चुनौती पर सरकार की मदद की जा सके। इसके लिए कई रेलवे कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला गया है। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिए 5,000 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया है। अधिकारियों ने पिछले सप्ताह कहा था कि स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के बाद ग्रामीण इलाकों में इन्हें सेवा में लगाया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि महामारी का मुकाबला करने के लिए 20,000 कोचों को परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 80,000 बेड वाले 5,000 कोच तैनात किए जाने के लिए तैयार हैं।
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