केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में हुए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि दुनिया का सबसे बड़ा स्मॉल बैंक लोन यानी मुद्रा लोन के 50000 तक के लोन लेने वाले लाभार्थियों को ब्याज में 2 फीसद की छूट मिलेगी। शिशु योजना के तहत 9 करोड़ 35 लाख लोगों को इस निर्णय से राहत मिलेगी। यह 1 जून 2020 से प्रभावी है और 31 माई 2021 तक जारी रहेगी।
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जावड़ेकर ने कहा कि ठेले और रेहड़ी पटरी वाले या छोटे दुकानदारों मुद्रा योजना से पहले साहूकारों से पैसा लेते थे, उन्हें बहुत ब्याज चुकाना होता था। अब उन्हें बैंकों से पैसा मिलता है। उन्हें अब 2 फीसदी की छूट मिलेगी। छोटे आदमी को बड़ा फायदा देने वाली योजना है। 1 जून 2020 से यह योजना लागू होगा और 31 मई 2021 तक चलेगी। इसके लिए इस वर्ष में 1540 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु / सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख तक का ऋण प्रदान करने के लिए 8 अप्रैल, 2015 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पीएमएमवाई शुरू किया गया था।
इन ऋणों को PMMY के तहत MUDRA ऋण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये ऋण वाणिज्यिक बैंकों, आरआरबी, लघु वित्त बैंकों, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिए जाते हैं
अध्यादेश: को-ऑपरेटिव बैंकों का आरबीआई करेगा सुपरविजन
Union Cabinet approves establishment of Animal Husbandry Infrastructure Development Fund. Government will provide 3% interest subvention to eligible beneficiaries: Union Minister Giriraj Singh pic.twitter.com/hBRqWZIcJx
— ANI (@ANI) June 24, 2020
वहीं मोदी सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर को-ऑपरेटिव बैंकों को आरबीआई के सुपरविजन में दे दिया है। जावड़ेकर ने कहा कि देश में 1482 अर्बन कोऑपेटिव बैंक और हैं 85 मल्टी स्टेक कोऑपरेटिव बैंक हैं। इनको लेकर आज अध्यादेश लाया गया है कि ये सभी बैंक रिजर्व बैंक के सुपरविजन में आ जाएंगे। सभी बैंकिंग नियम इन कोऑपरेटिव बैंकों पर लागू होगा। इसका फायदा होगा कि जमाकर्ता को भरोसा मिलेगा कि हमारा पैसा सुरक्षित है। इन बैंकों में 8 करोड़ 60 लाख खाताधारक हैं, जिनका 4 लाख करोड़ 84 लाख रुपए जमा हैं। इस सबकी अच्छी रक्षा होगी। रिस्ट्रक्चरिंग के समय लोगों को डर लगता है, जो हमने कुछ मामलों में देखा। अब यह नहीं होगा।
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डेयरी क्षेत्र में 35 लाख नए रोजगार के अवसर
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पशुपालन अवसंरचना विकास निधि की स्थापना की मंजूरी दी है। डेयरी, पोल्ट्री और मांस प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचे के फंड को मंजूरी दी गई है। पात्र लाभार्थियों को सरकार 3% ब्याज उपदान देगी। इस फैसले से डेयरी क्षेत्र में 35 लाख नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
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