नई दिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा रोज नये रिकार्ड बना रहा है। कोरोना संक्रमितों की रफ्तार जिस तेजी से बढ़ रही हैं उसी तेजी से लोग ठीक भी हो रहे हैं। मरने वाले लोगों की संख्या की दर में भी कमी आ रही है। इसका कारण यह है कि पहले संक्रमित मरीजों का जो आंकड़ा प्राप्त हो रहा था, उसकी तुलना में काफी कम लोग ठीक हो रहे थे, लेकिन अब यह रिकवरी रेट पहले की तुलना में काफी बढ़ गया है। एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार, जिन लोगों में बीमारियों से लड़ने की ताकत होती है, उनमें यह बीमारी अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन जो लोग कमजोर और उम्रदराज होते हैं, उनकी जान को खतरा रहता है।
मई में 50 फीसदी थी रिकवरी दर
पहले मई में कोरोना संक्रमितों की रिकवरी दर 50 फीसदी तक ही थी, लेकिन अब देश में रिकवरी दर 62.09 फीसदी हो गई है। इसका मतलब है कि देश में हालात सुधर रहे हैं। दूसरी ओर यह चिंताजनक बात है कि देश में 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों को कोरोना ज्यादा प्रभावित कर रहा है। मरने वालों में अधिकांश लोग 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग हैं. हालांकि, देश में 80 वर्ष से अधिक उम्र के कई लोग भी कोरोना से लड़कर स्वस्थ भी हुए हैं, जो संक्रमण के दौर में एक सकारात्मक खबर है।
85 फीसदी मरने वाले लोग 45 वर्ष से ज्यादा
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 85 प्रतिशत मरने वाले लोग 45 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। कोरोना का बुरा प्रभाव ज्यादातर उन लोगों पर पड़ रहा है, जो लोग पहले से किसी ना किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, जैसे इनमें हार्ट, डायबिटीज, किडनी और फेफड़ों के मरीज आदि हैं। 45 से अधिक उम्र वाले लोगों में हाइपरटेंशन और डायबिटीज की बीमारी अधिक होती है, इसलिए उन्हें कोरोना से अधिक खतरा होता है।
एक बड़ा कारण है इम्युनिटी
45 से ज्यादा उम्र वाले लोगों की मौत की एक बड़ी वजह यह है कि इन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही बीमारी से लड़ती रहती है, जिससे कोरोना के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता उतनी मजबूत नहीं हो पाती है। ऐसे में कोरोना वायरस मरीज के शरीर में प्रवेश कर जरूरी अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है और इस कारण व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
ऐसे लोग ज्यादा सतर्क रहें
जो लोग पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें खासतौर से अपना ख्याल रखना चाहिए। डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, किसी भी उम्र के लोगों को अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन सी से भरपूर डाइट लेते रहना चाहिए. इसके अतिरिक्त 10 साल से छोटे बच्चों की इम्युनिटी भी कमजोर होती है, इसलिए उन्हें भी बाहर न निकलने दें और मास्क जरूर पहनें। बच्चों के हाथों को भी साबुन से धोते रहें. यदि घर में बड़े-बुजुर्ग हैं और आप बाहर जाते हैं तो उनसे दूरी बनाकर रखें। कोरोना से किसी भी तरह के लक्षण महसूस हों तो अपने आपको पूरी तरह क्वरंटाइन कर लें और घर के सभी सदस्यों से दूर रहें। अपना कोरोना का चेकअप जरूर करवाएं।
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