जीएलए विवि के छात्र का शोध, बच्चों के बैठने पर स्टार्ट नहीं होगी बाइक

शिक्षा संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा। साइड स्टैंड लगा होने और अनजान बच्चों के हाथों में दो पहिया वाहन होने के कारण अधिकतर हादसे देखे जाते हैं। इन हादसों से व्यथित होकर जीएलए विश्वविद्यालय के एमटेक मैकेनिकल के छात्र ने रिसर्च कर एक प्रोटोटाइप तैयार किया है, जिसे दो पहिया वाहन में भी सफल तरीके से इस्तमाल किया गया है, जिसका पेटेंट भी ग्रांट हो गया है।

एमटेक मैकेनिकल के छात्र रजत यादव ने ह्यइग्निशन कट ऑफ सिस्टम(आईकॉस) प्रोटोटाइप को दो पहिया वाहन के इंजन से जोड़ा है। इस प्रोटोटाइप से स्पष्ट होता है कि स्टैंड लगे होने के दौरान दो पहिया वाहन चालू नहीं होगा। जैसे ही लगा हुए स्टैंड ऊपर कर दिया जायेगा तो चालू करने पर वाहन चालू हो जायेगा। छात्र ने 18 वर्ष से कम छोटे-छोटे बच्चों की जिद और घरवालों से छिपकर दो पहिया वाहन को ले जाने पर रिसर्च किया है। लोड सेल प्रोटोटाइप के प्रयोग से वजन सेट करने के बाद गाड़ी स्टार्ट नहीं होगी। छात्र ने छोटे बच्चों के वजन को 50 से कम आंकते हुए इस लोड सेल (चाइल्ड लॉक) का प्रयोग दो पहिया वाहन पर किया और करीब 50 किलो से लेकर 70 या इससे अधिक तक सेट करने का प्रावधान रखा है। इस लोड सेल के प्रयोग को दो पहिया वाहन की सीट के नीचे रखा जायेगा। इस चाइल्ड लॉक का पूर्ण नियंत्रण अभिभावक के हाथ में रहेगा।

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि छात्र द्वारा तैयार इस प्रोटोटाइप का पेटेंट ग्रांट हो गया है। इस पेटेंट के उपयोग से दुर्घटना की संख्या में कमी देखने को मिलेगी और जुर्माने से बचा जा सकता है।
न्यूजेन आइईडीसी के चीफ कोर्डिनेटर डॉ. मनोज कुमार, कोर्डिनेटर नितिन कुकरेजा एवं जितेन्द्र कुमार ने बताया कि इसमें प्रोटोटाइप एसोसिएट डीन रिसर्च प्रोफेसर कमल शर्मा, डॉ. विजय कुमार द्विवेदी, सीनियर लैब टेक्निशियन रितेश दीक्षित का अहम योगदान रहा है। मैकेनिकल के विभागाध्यक्ष डॉ. पीयूष सिंघल ने दूरगामी रिसर्च के परिणाम पर हर्ष व्यक्त किया।

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